दिल्ली से एक कदम आगे निकला उत्तराखंड का इंजन
8 अक्टूबर को हंस फाउंडेशन के साथ एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा को अपने को समाहित करते हुए घोषणा की कि २०१९ तक उत्तराखंड के प्रत्येक गांवों तक बिजली पहुंचा दी जाएगी। मोदी सरकाररूपी बड़ा इंजन इससे पहले २०२२ तक सभी लोगों को घर देने का वायदा कर चुका है। अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा २०१९ तक उत्तराखंड के प्रत्येक नागरिक को बिजली देने की घोषणा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा केदारनाथ धाम के केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा के बाद हंस फाउंडेशन द्वारा बांटे गए हंस पावर पैक के कार्यक्रम के दौरान की।
इस कार्यक्रम में हंस फाउंडेशन द्वारा सोलर सूटकेस वितरित किए गए। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद डबल इंजन के साथ चल रही केंद्र और उत्तराखंड की भाजपा सरकार की सोशल मीडिया में जमकर तारीफें हो रही हैं और फिर वही पूछा जा रहा है, जो कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा गया था कि जब घर २०२२ में मिलेंगे और बिजली २०१९ में लग जाएगी तो मकान मालिक को करंट लगने की संभावना बढ़ जाएगी।
जाहिर है कि बिना मकान के बिजली का खंभा और तारें बिछाना वास्तव में डबल इंजन में ही संभव हो सकता है। इस बीच ऐसे कुछ उदाहरण उत्तराखंड में देखने को मिले, जब घर बनने से पहले सरकार की कृपा से भूमाफियाओं द्वारा की गई प्लाटिंग तक बिना एक भी घर बने बिजली के खंभे और तारें करंट के साथ पहुंचा दी गई हैं। ये काम उस दौर में हुआ है, जब लोग बिजली के कनेक्शनों से लेकर तमाम तरह की बिजली शिकायतों से परेशान हैं, किंतु डबल इंजन है तो जोरदार काम होना लाजिमी है।