फिक्की फलो की ओर से आयोजित किया गया चर्चा कार्यक्रम
देरादून। एक स्थाई वातावरण के लिए महिला उद्योगपति एवं महिला उद्यमि किस तरह से अपना योगदान दे सकती है इस विषय पर फिक्की फलो की ओर से चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रमुख वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री जयराज मौजूद थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री जयराज ने कहा कि “चिपको आंदोलन“ तब उत्तराखण्ड की मजबूत ग्रामीण महिलाओं का चलाया आंदोलन था और आज भी ऐसे ही एक आंदोलन की आवश्यकता है। बल्की आज भी वर्तमान में स्थायी वातावरण के कारण महिला उद्यमी, महत्वपूर्ण योगदान कर रही है। उन्होंने फ्रेंडस विद फाॅरेस्ट कार्यक्रम में अधिक से अधिक महिला उद्यमियों से जुड़ने का आह्वान किया, वहीं फिक्की फलो की सदस्य विद्या शिखा प्रकाश द्वारा किए जा रहे एथिकल पेपर वर्क की भी सराहना की। जो पेंसिल, नोटबुक्स आदि के क्षेत्र में कार्य कर रही है। कार्यक्रम में वन विभाग एवं फिक्की फलो द्वारा फे्रंडस विद फाॅरेस्ट प्रोजेक्ट पर किए जा रहे कार्य पर भी विस्तार से चर्चा की गई एवं सुझाव मांग व रखेे गए। मौके पर मौजूद साधना जयराज ने कहा चूंकि महिलाएं परिवार और समाज के प्रति बहुत संवेदनशील हैं, इसलिए महिला उद्यमी अपने क्षेत्र में पर्यावरण के बारे में स्वस्थ, जैविक तरीके और पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने का आश्वासन दे सकती हैं
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही फिक्की फलो की ज्वाइंट सक्रेटरी डा. नेहा शर्मा ने कहा कि उत्तराखण्ड में महिला और पर्यावरण का बहुत गहरा रिश्ता रहा है। यहां पर कई आंदोलन इसके गवाह रहे है। आज के इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि जिस तरह से उत्तराखण्ड में महिलाएं पर्यावरण से जुड़ी रही है एवं वन संपदाओं से जुड़ी रही है उसी तरह से आज भी किस प्रकार महिला उद्यमि अपना सहयोग इसे सुरक्षित करने में दे सकती है। यह किसी भी प्रकार से हो सकता है। महिला उद्यमि अपने कार्यालयों में चाहे पेपर का इस्तेमाल कम कर के करें या फिर अपने आस पास अधिक से अधिक पौधारोपण कर करें।
इस मौके पर फिक्की की चेयरपर्सन नाजिया इज्जुददीन ने कहा कि एकमात्र वुमेन चैंबर अॅाफ काॅमर्स होने के कारण यह हमारा मिशन है कि हम अपने सभी सदस्यों, महिला उद्योगपतियों, उद्यमियों और पेशेवरों का नेतृत्व करें और ड्राइव करें, ताकि पर्यावरण के अनुकूल व्यवहारों को आगे बढ़ाया जा सके और हर कदम पर सतत विकास में भागीदार बन सकें। हम सरकार और लोगों के लिए प्रतिबद्ध हैं, साथ ही हम जंगलों के दोस्त हैं।
इस अवसर पर फिक्की फलो की वरिष्ठ उपाध्यक्ष किरण भट्ट ने कहा कि हम आश्वस्त हैं कि महिला उद्यमी पर्यावरण और आर्थिक विकास को चला सकती हैं, लेकिन केवल तभी जब वे अपने अधिकारों को महसूस करने में सक्षम हों और यदि हम वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में अपने अवसरों और परिणामों को बेहतर बनाने के लिए व्यवसाय, सरकार और नागरिक समाज की साझेदारी में काम करें। यहां तक कि अतीत में भी हमारे पास वनों की कटाई के खिलाफ बड़ा आंदोलन था, जिसका नेतृत्व महिलाओं के एकमात्र गौरा देवी ने किया था।
इस अवसर पर फिक्की फलो की चेयरपर्सन नाजिया इज्जुददीन, सीनियर वाइसचेयरपर्सन किरण भट्ट, कोषाध्यक्ष रुचि जैन, ज्वाइंट कोषाध्यक्ष राशी सिंघल आदि मौजूद थे।