उत्तराखंण्ड को आयुष प्रदेश बनाने की बात में दम हो या न हो भ्रष्ट प्रदेश बनाने की तैयारी को जोर-शोर से अंजाम दिया जा रहा है।
पर्वत जन के रिपोर्टर ने पाया स्थानीय मिंयावाला आयुर्वेदिक अस्पताल में फफूंदी लगी दवा मिलने का मामला।
फार्मासिस्ट ने जब लघुशूत शेखर रस का नया डब्बा खोला तो उसमें फफूंद लगी दवा मिली।तत्काल जिला आयुर्वेद यूनानी अधिकारी डॉ के के सिंह को सूचना दी गई तो उन्होंने आज दवा की सेम्पलिंग करवाई।
चिकित्सकों का कहना है आयुर्वेदिक अस्पतालों में दवाईयों की गुणवत्ता लगातार खराब आ रही है।कई बार इन दवाओं को एक बार खाकर रोगी दुबारा अस्पताल की ओर नही आता।कई बार इन दवाओं को खाने से रोगियों को पेशाब की तकलीफ एवं उल्टी दस्त जैसी शिकायत भी होने लगी है।
पूर्व में भी श्वेत पर्पटी एवं गोक्षुरादिग्गुगुलु के सेम्पल फेल हो चुके हैं।अब ताजा मामला शूतशेखर रस में फफूंद मिलने का है।विशेषज्ञों का मानना है कि रस दवाओं में लगी फफूंद जानलेवा हो सकती है।आयुष प्रदेश में फफूंदी से युक्त दवा खिलाकर लोगों को ठीक करने की जगह और बीमार होने का इंतजार कर रहे हैं अधिकारी।अब प्रदेश की जनता को फफूंदी के सेम्पल में मिली फफूंदी के प्रकार को जानने का इंतजार है।कहीं यह फफूंदी जानलेवा तो नही ? या इस फफूंदी लगे शूतशेखर रस से पित्त की बीमारी ठीक होने की जगह आंतों में फफूंदी होने की सम्भावना तो नही?
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नैनबाग में भी फंगस लगा फलत्रिकादि क्वाथ पाय गया है।फलत्रिकादि क्वाथ पेट के मर्ज की दवा है। अब फंगस लगी फलत्रिकादि क्वाथ खाने से पेट मे फंगल संक्रमण हो जाये तो बड़ी बात नही।