भूपेंद्र कुमार
उत्तराखंड में राजनीतिक उठापटक का इतिहास पुराना है.. और यही वजह है कि प्रचंड बहुमत की त्रिवेंद्र सरकार में भी अंतर कलह की खबरें समय-समय पर सुर्खियां बंटोरती रहती हैं।
ऐसा ही एक नजारा देहरादून सचिवालय में देखने को बुद्धवार देर शाम देखने को मिला। जहां एक साथ करीब एक दर्जन विधायक सीएम से मुलाकात करने अचानक धमक गये। जबकी सीएम से ऐसा कोई अपॉइंटमेंट विधायकों का नही था। जिस वजह से व्यवस्था के न होने के बावजूद भी सीएम को विधायकों से मिलना पड़ा और विधायकों की बात को सुनना पड़ा क्या है पूरी खबर देखिए हमारी इस रिपोर्ट में…
उत्तराखंड की राजनीति का सियासी उठापटक से पुराना नाता रहा है… और आज भी उत्तराखंड में प्रचंड बहुमत के बावजूद राजनितिक अस्थिरता आसानी से गाहे बगाहे देखने को मिल जाती है… ऐसा ही एक नजारा आज अचानक देहरादून सचिवालय में देखने को मिला, जहां एक साथ तकरीबन एक दर्जन विधायक अचानक सचिवालय में धमक गये और मुख्यमंत्री से मुताकात करने की कोशिश करने लगे।
मीडिया कर्मियों द्वारा पूछने पर तमाम विधायकों ने इस मुलाकात को हालांकि सामान्य मुलाकात बताया लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए सभी विधायकों को सचिवालय बिल्डिंग में काफी ऊपर नीचे चक्कर मारने पड़े।
दरअसल मुख्यमंत्री से मुलाकात का ऐसा ना कोई कार्यक्रम था और न सीएम को ऐसी कोई सूचना थी। लिहाजा पहले तो सीएम द्वारा मुलाकात को टालने की कोशिश की गई लेकिन विधायकों के दबाव को देखते हुए छोटी ही सही लेकिन मुलाकात करनी पड़ी।
बशर्ते मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में इस मुलाकात कोई जिक्र न होना और विधायकों का सचिवालय में सीएम से मुलाकात के लिए जद्दोजहद साफ दिखाता है कि यह कोई सामान्य मुलाकात नही थी।
अंदरखाने की बात करें तो नाराजगी के चलते ये तमाम विधायक मुख्यमंत्री के पास पंहुचे थे और पहले मुख्यमंत्री ने मुलाकात के लिए मना कर दिया और अगली सुबह मिलने की बात की गई। हालांकि विधायकों के संख्याबल और दबाव को देखते हुए मुख्यमंत्री को चलते-चलते ही सही लेकिन विधायकों से बात करनी पड़ी।
सीएम से अचानक मिलने पंहुचे विधायक-
खजान दास, विधायक राजपुर
भरत चौधरी, विधायक रुद्रप्रयाग
देशराज कर्णवाल, विधायक झबरेड़ा
दिलीप सिंह रावत, विधायक लैंसडाउन
गोपाल रावत, विधायक गंगोत्री
सुरेन्द्र नेगी, विधायक कर्णप्रयाग
सुरेश राठौर, विधायक ज्वालापुर
मुकेश कोली, विधायक पौड़ी
विनोद कंडारी, विधायक देवप्रयाग
विजय पंवार, विधायक प्रताप नगर
जॉर्ज आईवान ग्रेगरी मैन, विधायक एंग्लो इंडियन
एक साथ इतने विधायकों को देख मुख्यमंत्री को आनन फानन में विधायकों से मुलाकात करनी पड़ी। हालांकि विधायकों और मुख्यमंत्री के बीच क्या बात हुई, कोई नही जानता क्योंकि मामला संवेदनशील है इसलिए मीडिया से दूरी रखी गई और मीडिया द्वारा विधायकों की नाराजगी पर मुख्यमंत्री द्वारा दो टूक कहा गया कि नाराजगी का रिश्ता राजनीति से पुराना रिश्ता है।
त्रिवेंद्र सरकार में संगठन से लेकर सरकार में मन मुटाव की खबरें किसी से छिपी नही है।
गाहे बगाहे विधायकों और मंत्रियों की नाराजगी की खबरें आम बात है। इस सब के बीच ये कहना कि इतने सारे विधायकों का मुख्यमंत्री से मुलाकात करना सामान्य है, थोड़ा मुश्किल है। और ये मुलाकात एक साथ न होकर व्यक्तिगत रूप से भी की जा सकती थी।