देहरादून। उत्तराखण्ड में दो माह पूर्व एक स्टिंग को लेकर जिस तरह से सरकार में भूचाल मचा हुआ है और स्टिंग कराने वाले समाचार प्लस चैनल के सीईओ उमेश कुमार पर एक के बाद एक कुछ मुकदमें कायम कराकर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे डाला गया और रांची में उमेश के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा कायम कराकर उन्हें लम्बे अर्से तक जेल की सलाखों के पीछे रखने का सरकार ने मंसूबा पाला था? कुछ समय पूर्व विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष ने सदन के अन्दर सरकार को ललकारा था कि उनके पास सरकार के भ्रष्टाचार के स्टिंग हैं इस पर सरकार के मुखिया ने पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हृदयेश को मीडिया के सामने अल्टीमेटम दिया था कि अगर उनके पास स्टिंग हैं तो वह परेड ग्राउंड में बडी स्क्रीन लगाकर उस पर दिखायें। मुख्यमंत्री के इस अल्टीमेटम पर समाचार प्लस चैनल के सीईओ ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए राजधानी के डीएम व एसएसपी से भ्रष्टाचार के स्टिंग को परेड ग्राउंड में बडी स्क्रीन पर चलाने की अनुमति मांगी है।
उमेश के इस मास्टर स्ट्रोक से सरकार अब घिरी हुई नजर आ रही है और अब सबकी नजरें इसी बात पर हैं कि क्या उमेश कुमार को परेड ग्राउंड में बडी स्क्रीन पर स्टिंग चलाने की अनुमति दी जायेगी या नहीं?
आज समाचार प्लस चैनल के सीईओ उमेश कुमार ने राजधानी के डीएम व एसएसपी को एक पत्र मेल पर भेजा है। पत्र में कहा गया है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री द्वारा नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हृदयेश को चुनौती दी गई कि उनके पास मुख्यमंत्री या उनके रिश्तेदारों का कोई स्टिंग ऑपरेशन है तो परेड ग्राउंड में बडी-बडी एलईडी स्क्रीन लगाकर दिखायें। पत्र में कहा गया है कि इसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि उनके पास सिर्फ स्टिंग की कॉपी है जिनके पास पूरा स्टिंग है वही उसे दिखायेंगे। पत्र में उमेश कुमार ने कहा कि वह मुख्यमंत्री की उस चुनौती को स्वीकार करते हुए उनकी बातों के सम्मान में उक्त स्टिंग ऑपरेशन दिखाने को तैयार हूं।
पत्र में कहा गया कि मुख्यमंत्री का दावा है कि राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ वो जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं और यही वजह है कि एनएच-74 से जुडे मामलों में उन्होंने दो आईएएस अधिकारियों को निलम्बित भी किया ऐसे में राज्य के अन्दर एक सामान्य नागरिक की हैसियत से वे यह उम्मीद करते हैं कि मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस वाली नीति का सच राज्य की जनता के सामने लाने में उन्हें वे सहयोग देंगे। उमेश कुमार ने डीएम व एसएसपी से आग्रह किया है कि देहरादून स्थित परेड ग्राउंड में उन्हें उक्त स्टिंग ऑपरेशन के प्रदर्शन की अनुमति दें ताकि राज्य की आम जनता के सामने भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार के जीरो टॉलरेंस का सच सामने लाकर वह अपनी नागरिक जिम्मेदारियों का पालन कर सकें। अंत में उन्होंने आपका उमेश कुमार शर्मा, डेढ महीने पहले का पताः सुद्दोवाला जेल देहरादून, सेंट्रल जेल रांची व वर्तमान पता मसूरी रोड देहरादून लिखा है। उमेश कुमार के इस खत के बाद सरकार के सामने एक बडी चुनौती आकर खडी हो गई है कि क्या वह उमेश कुमार को परेड ग्राउंड में भ्रष्टाचार का स्टिंग चलाने की अनुमति देगी? उमेश के पत्र के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष भी सरकार पर हमलावर होगी कि सरकार के मुखिया ने खुद ही स्टिंग परेड ग्राउंड की बडी स्क्रीन पर चलाने की जब उन्हें चुनौती दी थी तो अब सरकार को उमेश की यह चुनौती स्वीकार कर परेड ग्राउंड में बडी स्क्रीन पर यह स्टिंग चलाने के लिए हरी झंडी देनी चाहिए। बता दें कि कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हृदयेश ने सदन के बाहर मीडिया के सामने यही दावा किया था कि उनके पास सरकार के भ्रष्टाचार के स्टिंग हैं लेकिन वह इस स्टिंग को उजागर नहीं करेंगी और चैनल के मालिक ही स्टिंग को उजागर करेंगे। ऐसे में उमेश कुमार का डीएम व एसएसपी को ई-मेल से पत्र भेजकर भ्रष्टाचार का स्टिंग परेड ग्राउंड में बडी स्क्रीन पर चलाने की अनुमति मांगना सरकार के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है?