शरीर में सात धातु और पंच तत्व (त्रिदोष) को संतुलित करके प्राचीन तिब्बती स्वरिग्पा पैथी से असाध्य बीमारियों को साधा जाता है।
विनोद कोठियाल
दुनिया में शारीरिक बीमारियों को ठीक करने के अनेक प्रकार की चिकित्सा पद्धतियां हैं, जिनमें दुनिया की प्राचीनतम इलाज पद्धति में से एक है स्वरिग्पा। नाड़ी परीक्षण तथा जड़ी बूटियों पर आधारित इस पैथी का भारत में परिचय सबसे पहले तिब्बत के वैद्यों द्वारा कराया गया। स्वरिग्पा तिब्बत की ही पैथी है, जो अपने आप को दुनिया के प्राचीनतम इलाज की तकनीकी में से एक है। माना जाता है कि भगवान बुद्ध के समय यानी कि लगभग 2500 वर्ष पुरानी इलाज की विधि है।
जड़ी बूटी के अलावा इस पद्धति में नाड़ी ज्ञान के आधार पर इलाज किया जाता है और सबसे अहम बात यह है कि बीमारी के इलाज के लिए वैद्य को फेस रीडिंग और ज्योतिष का ज्ञान होना भी जरूरी है। मरीज को इन सभी विधियों द्वारा जांच परख के बाद ही इलाज किया जाना संभव हो पाता है।
देहरादून में इस पद्धति के प्रसिद्ध वैद्य टी स्वांग रिगजिन जो कि तिब्बतियों के धार्मिक मठ क्लेमेंटटाउन में बैठते हैं।
डाक्टर टी स्वांग रिगजिन स्वरिग्पा के ज्ञाता हैं।
डाक्टर बताते हैं,- ”इस पद्धति में भी एलोपैथी और आयुर्वेद की डिग्रियों की भांति बीटीएमएस (बैचलर आफ तिब्बत मेडिकल सर्जन) और एमटीएमएस (मास्टर आफ तिब्बत मेडिकल सर्जन) की डिग्रियां प्रदान की जाती है। 10 साल सेवा करने के बाद और 45 दिन का प्रशिक्षण अपने वरिष्ठतम जानकार डॉक्टरों के सानिध्य में करने के उपरांत मास्टर डिग्री प्राप्त होती है।
डाक्टर द्वारा यह भी बताया गया कि इस विधा की जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी सुपात्र का होना अत्यंत आवश्यक है, ‘कसी भी कुपात्र को यह विधि नहीं सिखाई जा सकती।Ó
नाड़ी ज्ञान की कला में पारंगत वैद्य यहां बैठ दोनों हाथों की नाडिय़ों को पकड़कर पूरे शरीर के बारे में संपूर्ण व्याख्यान करने में सक्षम हैं और इसके बाद ही उनके द्वारा जांच की गई बीमारियों में इलाज किया जाता है। डाक्टर बताते हंै कि वैसे तो संपूर्ण बीमारियों के इलाज के लिए यह पैथी अच्छी है, परंतु कुछ बीमारियां जैसे कि डायलिसिस के मरीज और कैंसर जैसे असाध्य रोगों के मरीजों को लंबा जीवन प्रदान करने और यहां तक कि ठीक करने में भी इस पैथी का विशेष महत्व है। बहुत कम खर्चे पर लोगों का इलाज वर्तमान में पुण्य का ही काम है।
इस पैथी के इलाज पर लोगों के विश्वास का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि डाक्टर टी स्वांग रिगजिन का अप्वाइन्टमेंट के लिए एक महीने तक का भी इन्तजार करना पड़ता है। बहरहाल इस प्रकार बिना साइड इफेक्ट के पक्का इलाज किसी वरदान से कम नहीं है।