गिरीश गैरोला//
पुलिस की चुप्पी पर उठे सवाल
अधूरी तफ्तीश के साथ खुद अपनी पीठ थपथपा रही पुलिस
विडियो बनाने वाले की बजाय वायरल करने वाले को पकड़ने मे लगी पुलिस – आरोपी के वकील का आरोप
उत्तरकाशी मे महिला नेत्री का अश्लील विडियो वायरल होने और उसके बाद पुलिस की कार्यवाही पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
पुलिस अभी तक इस नतीजे पर भी नहीं पहुंच सकी है कि उक्त मामले मे आरोपी ने किस उद्देश्य से इस कृत्य को अंजाम दिया।
नतीजन गिरफ्तार आरोपी की तत्काल जमानत करने के बाद पुलिस शांत हो गयी। आरोपी मनोज रावत के वकील ने विडियो बनाने वाले असली आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की है।
गौरतलब है कि 13 सितंबर को उक्त मामले मे नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बाद जंहा पुलिस कप्तान सुखवीर सिंह महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग का डंडा दिखाकर मीडिया से बात करने से परहेज करते दिखे वंही तीन दिन बाद ही अचानक मीडिया को बुलाकर आरोपी की गिरफ्तारी पर खुद की पीठ थपथपाने लगे। इतना ही नहीं गिरफ्तारी मे शामिल पुलिस टीम को ढाई हजार रु का इनाम देने की भी घोषणा कर दी। नतीजा ये रहा कि आरोपी की तत्काल ही जमानत भी हो गयी थी।
वंही आरोपी मनोज रावत के वकील एससी रमोला ने मामले मे नया पेंच खोल दिया है। उनका आरोप है कि पुलिस को विडियो वायरल करने वाले को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपाने के बजाय विडियो बनाने वाले को गिरफ्तार करना चाहिए। श्री रमोला की माने तो एक षड्यंत्र के तहत मनोज को फंसाया जा रहा है। उन्होने कहा कि वायरल विडियो तो करीब-करीब सभी ने देख लिया है। असल मे विडियो बनाने वाले की गिरफ्तारी के बाद उसका विडियो बनाने का मकसद जाने बिना पुलिस की तफ्तीश ही अधूरी है।