प्यासे पंचायत प्रतिनिधियों को मंत्री ने टोका तो पानी पी-पी कर बरसे प्रधान
20 नवंबर को पंचायत काला दिवस मनाने की घोषणा
गिरीश गैरोला
सूबे मे पंचायतों को मजबूत बनाने की मंशा से बीते 16 नवंबर को हरिद्वार मे पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मान दिवस के मौके पर पंचायत मंत्री अरविंद पाण्डेय और प्रधानों के बीच बढ़े विवाद के बाद एक बार फिर प्रधान संगठन और मंत्री आमने-सामने हो गए हैं।
प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गिरवीर परमार ने उत्तरकाशी मे पत्रकार वार्ता मे बताया कि तेज धूप मे प्यासे पंचायत प्रतिनिधि के द्वारा पानी मांगना मंत्रीजी को इतना नागवार गुजरा कि उन्होने जनप्रतिनिधियों की तुलना व्यभिचारी बाप से कर दी। गुस्साये हुए प्रधानों ने 20 नवम्बर को प्रदेश भर के ब्लॉक कार्यालय मे पंचायत काला दिवस मनाने की घोषणा कर दी है।
विगत 16 नवंबर को हरिद्वार मे त्रि-स्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मानित करने के लिए बुलाया गया था। प्रधान संघ के प्रदेश अध्यक्ष गिरवीर परमार ने बताया कि सुबह 8 बजे से प्रतिनिधि मैदान मे जुटने शुरू हो गए थे। सम्मेलन मे पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी।
तेज धूप मे प्यास लगने पर एक प्रतिनिधि ने पानी क्या मांग लिया कि नेता जी गुस्से से आग बबूला हो गए।मंत्री ने मंच से कहा प्रधान, विधायक और मंत्री बनना कोई बड़ा काम नहीं है, इंसान बनना बड़ी बात है!
मंत्री ने मंच से प्रतिनिधियों को इंसान बनने की नसीहत देते हुए कहा कि वे यहां आंदोलन के लिए नहीं आए हैं , दो घंटे पानी नहीं पियोगे तो मर नहीं जाओगे। मंत्री के बयान से उत्तेजित पंचायत प्रतनिधि नारेबाजी करते हुए सम्मेलन से बाहर निकल आए। बाद मे मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कि आपने उन्हे इंसान बनने की सलाह दी है तो क्या आप उन्हे इंसान नहीं समझते हो! मंत्री ने उल्टे मीडिया से ही सवाल कर डाला कि जो बाप अपनी ही बेटी से रेप करे उसे इंसान कहते है या नहीं! मामला कुछ भी हो चुने हुए प्रतिनिधि अपनी तुलना बलात्कारी से करने से बेहद आहत हैं।अब देखना है कि 20 नवंबर को प्रधानों को क्षेत्र और जिला पंचायत प्रतिनिधियों का समर्थन मिलता है या नहीं।