कांग्रेसियों के सेब-केला प्रोग्राम पर फिरा पानी!

राजीव गांधी की आत्मा की शांति का कार्यक्रम हुआ फ्लॉप
30 बैड के अस्पताल में मात्र दो मरीज

राजीव गांधी की जयंती २० अगस्त को कांग्रेस के लोग देशभर में बड़े जोशोखरोश के साथ मनाते हैं। हर बार की तरह इस बार भी डोईवाला के कांग्रेसी दो दर्जन केले और एक किलो सेब लेकर डोईवाला के सरकारी अस्पताल में पहुंचे। अपने साथ मीडिया कर्मियों और स्मार्ट फोन के साथ पहुंचे।
कांग्रेसियों ने पहले राजीव गांधी अमर रहे के नारे लगाए और उसके बाद अस्पताल में भर्ती बीमारों को फल देने के लिए अंदर पहुंचे। अस्पताल के भीतर सारे कमरे छान मारे, किंतु कांग्रेसियों को एक भी मरीज

congressiyo ka dharna --
congressiyo ka dharna —

नहीं मिला। अब सेब-केले लेकर घूम रहे कांग्रेसियों के लिए समस्या हो गई कि राजीव गांधी की आत्मा की शांति के लिए लाए गए सेब-केलों का क्या करें?
पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष महेश रावत, पूर्व डीपीसी मैंबर गौरव चौधरी, अजय रावत, मोहम्मद अकरम, राजवीर खत्री, सुमित वर्मा सहित दर्जनभर कांग्रेसियों की समझ में नहीं आया कि मरीज गए कहां? मरीजों का पता लगाने सेब-केले लेकर कांग्रेसी अस्पताल में तैनात सीएमएस डा. पाल के पास पहुंचे। कांग्रेस के हाथ में सेब-केले देखकर सीएमएस को लगा कि कुछ दिन पहले अस्पताल में धरना प्रदर्शन करने वाले कांग्रेसी अब नई व्यवस्था से प्रसन्न होंगे, इसीलिए सेब-केले लेकर आए। तब कांग्रेस के लोगों ने सीएमएस से पूछा कि आखिरकार अस्पताल में मरीज भर्ती क्यों नहीं हैं? सीएमएस ने बड़े आश्चर्य से पूछा कि आखिरकार मरीजों को भर्ती करवाने की क्या आवश्यकता पड़ गई। तब कांग्रेसियों ने बताया कि हर वर्ष राजीव गांधी की जयंती पर उनकी आत्मा की शांति के लिए अस्पताल में भर्ती मरीजों को सेब केले बांटने का पुरानी परंपरा चल रही है, किंतु आज अस्पताल में मरीज ही नहीं हैं।
सीएमएस डा. पाल ने बताया कि ये तो अच्छी बात है कि लोग दवा लेकर ही स्वस्थ हो रहे हैं। भर्ती होने की क्या आवश्यकता! सीएमएस की बात सुनकर कांग्रेसियों का पारा चढ़ गया और उन्होंने अस्पताल के बाहर धरना देकर भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उत्तराखंड में यह पहला अवसर था, जब बिना भर्ती वाले मरीजों के चक्कर में कांग्रेसियों को नारेबाजी करनी पड़ी। बाद में कांग्रेसियों ने इसका ठीकरा हिमालयन अस्पताल के सर फोड़ा कि जबसे हिमालयन अस्पताल को डॉक्टर रखने की जिम्मेदारी दी गई है, तब से अस्पताल में मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि आखिर में मरीजों को बांटने के लिए लाए गए सेब-केले कांग्रेसियों ने आपस में बांटकर राजीव गांधी की आत्मा को शांति की प्रार्थना कर चलते बने।

- Advertisment -

Related Posts

error: Content is protected !!