गिरीश गैरोला/ उत्तरकाशी//
रैथल के मनोज अब गोपाल को लगाएंगे चन्दन ?
क्या बीजेपी का दामन थामेंगे मनोज ?
मौसम मे परिवर्तन की आहट के साथ शुरू हुए रैथल के सेलकु मेले से टकनौर के राजनीतिक गलियारों मे भी बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है। गंगोत्री विधान सभा मे कभी कांग्रेस की सभाओं मे गरजने वाले और पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण के खास सिपहसालारों मे शामिल रैथल के पूर्व प्रधान मनोज राणा की बांसुरी अब मुरली मनोहर गोपाल की लीला के सुर छेड़ने लगी है।
उत्तरप्रदेश के समय से प्राथमिकता मे रखे गए दयारा बुग्याल का विकास फ़ाइल , पृथक उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद नेपथ्य मे चले जाने के मुद्दे पर आहत दयारा पर्यटन समिति के अध्यक्ष मनोज राणा अपना मौके-बेमौके दर्द अक्सर छलका ही देते हैं।
मनोज कहते हैं दयारा दो गांवों का नहीं पूरे क्षेत्र के विकास से जुड़ा हुआ है।अपने उद्बोधन मे मनोज ने गंगोत्री से बीजेपी के विधायक से दयारा के विकास को लेकर उम्मीद जताई है। पार्टी लाइन से हटकर क्षेत्र के विकास के लिए कंधे से कंधा मिला कर साथ चलने का मनोज ने विधायक गोपाल को भरोसा दिया है। केवल चुनाव के समय क्षेत्र की पीड़ा को लेकर क्षेत्रवाद करने वालों को मनोज ने मंच से खूब खरी खोटी सुनाई है।
गौरतलब है कि इस क्षेत्र से बीजेपी विधायक गोपाल को विधानसभा चुनाव 2017 मे बहुत कम मतदान हुआ था। इसके बाद भी अरविंद नेगी को डीपीसी मेम्बर बनाकर गोपाल ने जिस गठबंधन के संकेत दिये हैं, उसकी हांडी तैयार हो चुकी है। बस चावल डालकर आंच मिलने की जरूरत है। विधान सभा चुनाव मे अपने ही दल से विरोधी गुट को तगड़ा झटका देकर पार्टी से बाहर कर देने के बाद गोपाल अपने कील कांटे दुरुस्त करने की दिशा मे ये कदम मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस गठबंधन के होने के बाद युद्ध मे बिना अपने सैनिक गंवाए दुश्मन को जमीन दिखाने की तैयारी के एक अंश के रूप मे इस पटकथा को देखा जा सकता है।