अस्पताल से जारी किया मार्मिक संबोधन!!
आलोचना करने वाले अपने सहयोगियों पर परोक्ष रूप से साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दिल्ली के गंगाराम अस्पताल से उत्तराखंड की आम जनता के नाम Facebook पर एक संबोधन किया है। जिसमें उनके कहने का लब्बो लुआब यह है कि उन्होंने हमेशा दून मेडिकल कॉलेज की डॉक्टरों पर ही भरोसा जताया था लेकिन परिस्थितियां और हालात कुछ ऐसे हैं कि डॉक्टरों का चयन उनके हाथ में नहीं था इसलिए जो भी लोग उनकी इसलिए आलोचना कर रहे हैं कि उन्होंने अपना इलाज सीएमआई तथा दिल्ली में कराया उन्होंने आलोचना करने वाले लोगों से उन्होंने क्षमा मांगी है कि भगवान न करे कि किसी को भी अपने या अपने प्रियजनों का जीवन बचाने के लिए ऐसा कदम उठाना पड़े।
पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने हरीश रावत के दिल देहरादून अस्पताल से दिल्ली रेफर किए जाने पर दून अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए थे हरीश रावत के इस मार्मिक संबोधन को किशोर उपाध्याय का ही प्रतिउत्तर माना जा रहा है।
गौरतलब है कि हरीश रावत पैर की पिंडलियों की नसों में खून के थक्के जमा होने से दिल्ली एम्स में भर्ती हैं।
हरीश रावत कहते हैं कि यह खून के थक्के टूटकर ऊपर की ओर रक्त में प्रभावित हो रहे हैं।
ऐसी स्थिति में उन्हें एडवांस जांच सुविधा के लिए दिल्ली गंगाराम अस्पताल में आना पड़ा
हरीश रावत कहते हैं कि वह हार्ट अटैक से तो वह भी नहीं है लेकिन ब्रेन स्ट्रोक से जरूर भयभीत हैं।
हरीश रावत कहते हैं कि वह जिंदगी में संघर्ष करने की क्षमता रखते हैं। इसलिए लुंज-पुंज मरने की बजाए वह निजी अस्पताल में ही सही अपने जीवन को बचाकर आगे संघर्ष करना चाहते हैं। हरीश रावत ने कहा कि दून अस्पताल तथा सीएमआई के चिकित्सकों ने उन्हें उच्चस्तरीय विशेषज्ञ जांच की सलाह दी थी। उन्हीं की सलाह पर वह दिल्ली आए और उन्हें विश्वास है कि धीरे-धीरे देहरादून में भी दिल्ली के स्तर की चिकित्सा परीक्षण सुविधाएं विकसित हो जाएंगी।
बहरहाल भले ही हरीश रावत आज सत्ता में नहीं है और अस्पताल में हैं लेकिन डीएवी छात्रसंघ के चुनाव से लेकर इस तरह के मार्मिक संबोधनों से उन्होंने लगातार मीडिया में लगातार अपनी चर्चा के लिए जगह बनाई हुई है।