ऋतु खंडूड़ी का नहीं लग रहा उत्तराखंड में मन!
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी की बेटी, जो कि अब भारतीय जनता पार्टी की यमकेश्वर से विधायक है, उनका उत्तराखंड में मन नहीं लग रहा है। विधायक बनने के कुछ ही महीनों बाद अपने प्रदेश से किसी विधायक का इस प्रकार मन उचाट होना काफी गंभीर सवाल खड़े करता है। परिवारवाद की रस्सी पकड़कर विधानसभा पहुंची ऋतु खंडूड़ी को यमकेश्वर के लोगों ने तब देखा, जब भुवनचंद्र खंडूड़ी के साथ उनके पोस्टर लगे और ज्ञात हुआ कि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें २०१७ के विधानसभा चुनाव का प्रत्याशी बनाया है।
विधायक बनने के बाद कुछ ऐसी अप्रत्याशित बातें ऋतु खंडूड़ी कैंप की ओर से चलाई जा रही हैं, जो वास्तव में गौर करने वाली हैं। ऋतु खंडूड़ी की ओर से बताया गया है कि शुरुआत के सौ दिनों में ही यमकेश्वर विधानसभा की सौ किमी. से अधिक सड़कें स्वीकृत कराकर इतिहास रच दिया है। ऋतु खंडूड़ी खुद भी कह चुकी हैं कि शुरुआती ११२ दिन में ही उन्होंने ११३ किमी. सड़क स्वीकृत करवाई हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से बड़ी तेजी से स्वीकृत इन सड़कों के पीछे ऋतु खंडूड़ी के आईएएस पति भूषण, जो कि भारत सरकार में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में कार्यरत हैं, की भी इन कामों में भूमिका बताई जा रही है।
अब प्रचार इस स्तर पर चल रहा है कि यमकेश्वर की विधायक होने के नाते जब इतनी सारी स्वीकृतियां करवा दी गई हैं, यदि ऋतु खंडूड़ी दिल्ली ही चली जाए तो पूरी पौड़ी लोकसभा का ही कायाकल्प करवा देंगी। समर्थकों ने २०१९ के लिए ऋतु खंडूड़ी को भुवनचंद्र खंडूड़ी का विकल्प बताना भी शुरू कर दिया है कि जनरल भुवनचंद्र खंडूड़ी अपनी आखिरी पारी खेल चुके हैं, इसलिए अब आगे की जिम्मेदारी ऋतु खंडूड़ी के हाथों होंगी।
कुछ लोगों का कहना है कि ऋतु खंडूड़ी दिल्ली की ऐमेटी यूनिवर्सिटी में विजिटिंग फैकल्टी के रूप में कार्यरत हैं। वहां भारी भरकम वेतन मिलता है। विधायक बनने से परिवार बच्चों से दूर बार-बार यमकेश्वर जाना काफी कष्टकारी है।
देखना है कि ऋतु खंडूड़ी का ये दांव कितना काम करता है!