गिरीश गैरोला//
चढ़ावे के फूलों से बनेगी धूप और अगरबत्ती
विश्वनाथ धूप और कंडार अगरबत्ती की खुश्बू से महकेगी शिवनगरी
सूडा की पहल पर काम कर रही “स्वयं सहायता समूह” की महिलाएं
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जी हां, हर सुबह भगवान के नाम से शुरू होती है और श्रद्धालु ताजे पुष्पों के साथ अपने अपने-अपने आराध्य के मंदिर मे पहुंच कर पुजा के बाद फूल अर्पित करते है किन्तु हजारों लाखों के चढ़ाये गए ये फूल कुछ देर बाद सफाई कर फेंके दिये जाते हैं, किन्तु अब ऐसा नहीं होगा। आपकी श्रद्धा देर तक आपके शहर को खुश्बू से महकाए रखेगी।
दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के सिटी मैनेजर जगदीश रतुड़ी ने बताया कि अब स्वयं सहायता समूह की महिलाए मंदिर मे चढ़ावे के बाद बर्बाद होने वाले फूलों को एकत्र कर उनसे धूप और अगरबत्ती बनाने का काम करने जा रही है।उन्होने एक सर्वे का हवाला देते हुए बताया कि अकेले भगवान विश्वनाथ मंदिर मे ही दो क्विंटल फूल चढ़ाये जाते हैं, जिनका बाद मे कोई उपयोग नहीं हो पाता है।
अब सूडा द्वारा बनाए गए 21 एसएचजी को इसी तरह कि ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा मे नगर पालिका के सहयोग से कार्य किया जा रहा है।
धूपबत्ती का नाम बाबा के नाम पर विश्वनाथ धूप और अगरबत्ती का नाम यहां के भूमियाल देवता कंडार के नाम पर कंडार अगरबत्ती रखा जाएगा।
इस प्रकार आपके श्रद्धा से चढ़ाये गए फूल बर्बाद नहीं होंगे और चिर काल तक धार्मिक नागरी की हवा मे अपनी खुश्बू बिखेरते रहेंगे।
इस बार ट्रेनिंग मे माँ गायत्री देवी , माँ गंगा मैय्या और गंगा भागीरथी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भाग ले रही हैं।