कुमार दुष्यंत, हरिद्वार//
यहां भाजपाइयों के बीच चल रही आपसी उठापटक के मामलों को पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने रखा जाएगा।19 व 20 सितंबर को देहरादून में अमितशाह की अध्यक्षता में होने वाली बैठकों में विवाद के लंबित मामलों का निपटान भी किया जा सकता है।
पिछले दिनों हरिद्वार में भाजपाइयों के बीच आपसी रार के कई मामले सामने आए थे।सांसद निशंक व विधायक कुंवर प्रणवसिंह के समर्थकों में मारपीट हुईं ।फिर विधायक यतिश्वरानंद व एबीवीपी आपस में उलझ गये।
इससे पूर्व मंत्री सतपाल महाराज समर्थकों व हरिद्वार के मेयर में सिर-फुटौव्वल हो गई थी।विवाद में दो मंत्रियों के नाम सामने आने के कारण यह मामला तो केंद्रीय हाईकमान तक जा पहुंचा था।
भाजपाइयों की कलह के इन मामलों में भाजपाइयों के सिर भी फूटे और पुलिस ने मुकदमे कायम किये।इनमें यतिश्वरानंद व एबीवीपी विवाद में दोनों पक्षों में सुलह कराने में पार्टी कामयाब रही।लेकिन शेष मामले अभी लंबित हैं।
मेयर व महाराज विवाद तो पार्टी के गले की फांस बन गया है।इस विवाद के दोनों सिरों पर दो दमदार मंत्रियों की मौजूदगी के कारण अनुशासन समिति भी इस विवाद के साथ टंगी हुई है।समिति को पंद्रह दिन में इस मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंपनी थी।लेकिन सवा महीने बाद भी वह रिपोर्ट दबा कर बैठी है।
माना जा रहा है कि रिपोर्ट से पार्टी में कलह और न बढ़ जाए, इसलिए रिपोर्ट को अबतक सार्वजनिक नहीं किया गया है। हालांकि पार्टी द्वारा इसका कारण समिति अध्यक्ष की पारिवारिक व्यस्तता बताया जा रहा है।लेकिन ‘पर्वतजन’ से अगस्त अंत में हुई बातचीत में अध्यक्ष ज्ञानसिंह नेगी रिपोर्ट तैयार हो जाने की बात स्वीकार कर चुके हैं।
माना यही जा रहा है कि इस विवाद में सरकार के दो दमदार मंत्रियों के आमने-सामने होने के कारण पार्टी इस विवाद पर कोई निर्णय लेने से बच रही है।सूत्रों के अनुसार पार्टी के विवाद व अनुशासन समिति की रिपोर्ट अब केंद्रीय अध्यक्ष के सामने रखी जाएगी।क्योंकि शीर्ष नेर्तत्व के निर्णय पर कोई उंगली नहीं उठा सकता, इसलिए अमितशाह के दौरे में इन विवादों का समाधान खोजा जाएगा।