गिरीश गैरोला उत्तरकाशी//
जनपद के तीनों विधायक और अध्यक्ष जिला पंचायत ने भी नहीं ली रुचि
जिला पंचायत के महज दो सदस्य ही रहे मौजूद
डीएम की वित्तीय स्वीकृत के बाद बीडीओ पर रोक लगाने का आरोप
उत्तरकाशी में सांसद की अध्यक्षता मे सम्पन्न जिला विकास समन्वय और निगरानी की समिति की बैठक मेंं न तो जनपद के तीन विधायकों ने रुचि ली और न जिला पंचायत सदस्यों ने ही। यहाँ तक कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने भी बैठक में आना उचित नहीं समझा।
दरअसल विभिन्न कारण से चार बार निरस्त होने के बाद इस बैठक में शामिल होने की बजाय प्रतिनिधियों ने अपने निजी काम निपटाने ही बेहतर समझा। जिला पंचायत से महज दो ही सदस्य लक्ष्मण भण्डारी और हर्ष अग्निहोत्री बैठक में मौजूद रहे। सदस्य लक्ष्मण भण्डारी ने मनरेगा में भुगतान नहीं होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने हैरानी जताई कि जिला अधिकारी से वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद भी बीडीओ वर्क ऑर्डर नहीं काट रहे हैं।
भंडारी ने आरोप लगाया कि 100 दिन के रोजगार की बात करने वाले 50 दिनों का भी रोजगार ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने दूरभाष पर बताया कि वह आवश्यक कार्य से शहर से बाहर होने के चलते बैठक में शामिल नहीं हो सकी, किन्तु उन्होंने जिला पंचायत के कार्यो के सम्पादन के लिए कार्यदायी संस्था के विवाद को विकास कार्य में देरी का प्रमुख कारण बताया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों अपर मुख्य अधिकारी के अतिरिक्त प्रभार में रहने के दौरान सीडीओ ने जिला पंचायत में कर्मचारी न होने को लेकर सिंचाई विभाग को कार्यदायी संस्था बनाते हुए उनके खाते में अग्रिम धन डालने के निर्देश दिये थे। जिसके बाद जिला पंचायत में जमकर हंगामा हुआ था और पंचायत सदस्यों की गुटबाजी खुलकर सामने आई थी। टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह ने डीएम के कार्यो की तारीफ करते हुए बताया कि जिन योजनाओं में विवाद था, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर बदला गया है।
पंचायत अध्यक्ष सहित पंचायत सदस्यों और जनपद की तीनों विधानसभा निर्वाचित विधायकों के बैठक में मौजूद नहीं रहने के सवाल पर सांसद ने कहा कि ये प्रतिनिधियों की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे तीन महीने में एक बार होने वाली निगरानी समिति की बैठक में जरूर हिस्सा लें।