जगमोहन रौतेला//
जिस पर बेटियों के साथ दुराचार व हत्या के आरोप में सीबीआई जांच के बाद न्यायालय में मुकदमा चल रहा हो , ऐसे व्यक्ति को देश के प्रधानमन्त्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी स्वच्छता अभियान का ब्राण्ड एम्बेसडर बनाते हैं . उनकी पार्टी सत्ता में आने के लिए ऐसे व्यक्ति के साथ वोटों का सौदा करती है . वोटों के सौदे से चुनाव जीतने के बाद उनकी पार्टी के कई बड़े नेता दुराचार के आरोपी के घर में मत्था टेकने जाते हैं . ऐसा ही कुछ विधानसभा चुनाव के समय भी किया जाता है . वहां भी वोटों को खरीदने के लिए दुराचार के आरोपी के साथ बड़ी ही निर्लज्जता के साथ समझौता किया जाता है . बात यहीं तक नहीं रहती देश के प्रधानसेवक की पार्टी उनका सार्वजनिक महिमामण्डन करती है और ऐसा करते हुए खुद को गौरान्वित भी महसूस करती है . महिमामण्डन के बाकायदा पोस्टर व बैनर तक लगाए जाते हैं .
हरियाणा में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मुख्यमन्त्री के अलावा उनके मन्त्रिमण्डल के अधिकांश सदस्य फिर से दुराचार के आरोपी के दरबार में मत्था टेकने जाते हैं . इससे समझा जा सकता है कि देश किस राह पर जा रहा है . पर जिन्होंने दुराचार व हत्या के आरोपी को ब्राण्ड एम्बेसडर बनाया वे इसके लिए देश से माफी मांगने को तैयार नहीं हैं . क्यों ? क्या इसका जवाब नहीं मिलना चाहिए देश की जनता को ? अब यह कुतर्क देश को मत दीजिए कि आपको दुराचार के आरोपी के बारे कोई जानकारी नहीं थी . सत्ता के शीर्ष पर बैठे व्यक्ति की ओर से जब इस तरह की बेदम व लिजलिजी दलील दी जाती है तो हँसी आने के साथ ही भयातुर अफसोस भी होता है . वह इसलिए कि विपक्ष पर नकेल कसने के लिए प्रधानमन्त्री सार्वजिक रुप से धमकी भरे अंदाज में कहते हैं कि विपक्ष के हर नेता की कुंडली मेरे पास है . ज्यादा बोलोगे तो सब की कुंडली सार्वजिक कर दूँगा . ऐसा कहते हुए प्रधानमन्त्री जी विपक्ष को धमकी देते हुए अपनी कुर्सी की सलामती का खेल भी खेलते हैं .
जब देश के हर नेता की कुंडली प्रधानमन्त्री के हाथ में हो तो ऐसे में यह कैसे मान लिया जाय कि जिस दुराचार व हत्या के आरोपी का प्रधानमन्त्री जी सार्वजिक रुप से महिमामण्डन कर रहे थे , उसके काले कारनामों की जानकारी तक उन्हें नहीं थी . अगर यह सच है तो प्रधानमन्त्री को अपने सुरक्षा सलाहकार सहित अपनी उस टीम में ऊपर से नीचे तक भारी बदलाव तुरन्त कर लेना चाहिए , जो उनको देश – दुनिया की पल – पल की खबर से अवगत कराता है . इसका मतलब यह है कि प्रधानमन्त्री जी कि आप अपनी जिस टीम पर ऑख मूँद कर भरोसा करते हैं , वह भरोसे लायक नहीं है . जो टीम आपको दुराचार व हत्या के आरोपी का गुणगान करने और उससे नजदीकी बनाने से नहीं रोक सकती है , वह आपको कभी भी , कहीं भी भयानक राजनैतिक मुसीबत में जाने – अनजाने फँसा भी सकती है .
कथित तौर पर धर्म की आड़ में कई बेटियों के साथ दुराचार करने वाला एक गुमनाम पत्र की शिकायत के बाद सीबीआई जॉच में दोषी पाया जाता है . सीबीआई की जॉच के बाद ही उस पर मुकदमा चलता है और न्यायालय में दोषी पाया जाता है . क्या देश के प्रधानमन्त्री को सीबीआई जॉच पर विश्वास नहीं है ? क्या सीबीआई जॉच का मतलब हर एक के लिए अलग – अलग होता है ? अगर ऐसा नहीं है तो क्यों नहीं प्रधानमन्त्री जी ने उन बेटियों के हौसले को सलाम किया , जिनकी हिम्मत से राम रहीम जैसे व्यक्ति को सलाखों के पीछे जाने को मजबूर होना पड़ा .
प्रधानमन्त्री जी ! क्या आपने एक बार भी इस बारे में सोचने की जहमत तक नहीं उठाई कि जब आप जैसे सत्ता के शीर्ष पर बैठे और व्यवस्था परिवर्तन की बात करने वाले लोग दुराचारियॉ से सत्ता प्राप्त करने के लिए समझौते करते हैं , तब उस दुराचारी के खिलाफ अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ रही बेटियॉ और उनके परिवार पर क्या गुजर रही होगी ? वे अपने आप को कितना असहाय , कमजोर व अकेला महसूस कर रहे होंगे ? वे भले ही अपने मनोबल और साहस से हिम्मत जुटा कर कानूनी लड़ाई लड़ रही थी , लेकिन उसके बाद भी उनके मन में न्याय मिलने तक यह डर हमेशा बना रहा होेगा कि जिस दुराचारी के साथ देश के प्रधानमन्त्री तक खड़े हैं और उनकी पार्टी केन्द्र व राज्य दोनों जगह सत्ता में है , वह दुराचारी सत्ता के बेलगाम सहयोग के कारण कहीं कानून की कमजोरियॉ का लाभ उठाकर बच तो नहीं निकलेगा ?
उनका यह डर तब सही जान पड़ता है , जब आपकी सरकार उसे जेड प्लस श्रैणी की सुरक्षा बरकरार रखती है . इस कुतर्क का यहॉ कोई स्थान नहीं है कि यह सुरक्षा तो पिछली सरकार ने दी थी . पिछली सरकार ने कई मामलों सहित इस मामले में भी गलत किया था , तभी तो जनता ने उसे सत्ता से बाहर फेंक दिया था . क्या यह आपके पार्टी की सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी कि वह पिछली सरकार द्वारा किए गए इस भयानक भूल को ठीक करे और एक दुराचार के आरोपी को उसकी सही जगह दिखाए ?
बेटियॉ केवल नारों और भाषणों से नहीं बचती प्रधानमन्त्री जी ! उसके लिए बेटियों को वास्तव में बचाना पड़ता है . और दु:ख व पीड़ा के वक्त उनके साथ खड़ा भी होना पड़ता है . उन्हें मानसिक शक्ति भी देनी पड़ती है . जो न आपसे हो पाया और न आपकी पार्टी व उसके नेताओं , मुख्यमन्त्री , मन्त्री , विधायकों और सांसदों से ! ऐसे में कोई भी बेटी खुद के बेटी होने पर गर्व कैसे करेगी प्रधानमन्त्री जी ? और कैसे हर बेटी खुद को हमेशा सुरक्षित महसूस करेगी ? जब सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग और उनकी पार्टी सत्ता का सौदा करने के लिए ऐसे दुराचारियों के साथ खड़ी दिखाई देती हैं , जो बेटियों की अस्मत के साथ खिलवाड़ करना अपना शगल समझते हैं ! कभी विदेश दौरे और बेबात ट्वीट करने से फुर्सत मिले तो इस पर थोड़ी देर के लिए अपने ” मन की बात ” की तरह सोचिएगा जरुर ! और सोचने के बाद कोई निर्णय कर सकें तो ट्वीट से ही सही देश की जनता , विशेषकर बेटियों , के साथ साझॉ जरूर करियेगा ! यह देश और इसकी बेटियां आपके विचार व निर्णय की प्रतिक्षा कर रही हैं प्रधानमन्त्री जी ! आशा है इस बार आप कुछ करें न करें , कम से कम देश की बेटियों को निराश तो नहीं करेंगे !