उत्तराखंड की दलबदल की राजनीति में तब कांग्रेस से आजिज आकर अपनी ही सरकार को उखाड़ फेंकने का ऐलान करने वाले कई कांग्रेसी भाजपा सरकार के साथ अपने को घोल नहीं पा रहे हैं।
इनसे इतर कांग्रेस छोड़कर भाजपा की राजनीति में आकर पहली बार मंत्री बने सुबोध उनियाल शुरुआत में तो भाजपाइयों को समझने में असहज महसूस करते रहे, जब सुबोध उनियाल के तीन बार कहने के बावजूद उनके चुनाव में भितरघात करने वालों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई। धीरे-धीरे सुबोध उनियाल ने भाजपा के रंग में खुद को ढालने में ही भलाई समझी।
मंत्री बनने के बाद बहुत सधकर बयान देते हुए सुबोध उनियाल अब पूरी तरह भाजपा की चाल-ढाल के अनुरूप काम करने में लगे हैं। भितरघातियों से लडऩे की बजाय अब उन्होंने अपने मतदाताओं के लिए अपने व अन्य विभागों से कामों की लंबी फेहरिश्त तैयार कर दी है। पूरा फोकस काम पर है। विवादित बयानों से अपने को दूर रखते हुए अब वे किसी जिम्मेदार भाजपाई मंत्री की भांति दिनभर भागादौड़ी में लगे हुए हैं।