सत्ता की हनक या उसूलों की राजनीति?
हाईकमान संस्कृति के दौर में चौंकाते मुखिया
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री बनने के बाद भी कई पुरानी आदतें नहीं छोड़ी है। सीधे स्ट्रेट फारवर्ड तरीके से बात करनी हो या डबल्स में बैटमिंटन खेलना हो, सफेद हो रहे बालों को काला न करना। डबल इंजन की सरकार चलाते त्रिवेंद्र सिह पिछले पांच महीनों में कई बार दिल्ली से लेकर नागपुर तक के हाईकमान से मिल आए। दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल आए, तमाम केंद्रीय मंत्रियों से मिल आए, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भेंट कर आए। उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह के सहयोगी और प्रतिद्वंद्वी त्रिवेंद्र सिंह की वो फोटो ढूंढ रहे हैं, जिसमें वो प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भाजपा में मार्गदर्शक मंडल के लोगों के पैर छू रहे हों। लाख कोशिश के बावजूद अभी तक किसी को एसी फोटो नहीं मिली। लोगों की समझ में नहीं आ रहा कि आखिरकार चरण वंदना के इस दौर में त्रिवेंद्र सिंह क्यों नहीं? क्या 57 विधायकों की ताकत के कारण या राजनीतिक अनाड़ीपन के कारण, या सत्ता सर चढ़ गयी है!
त्रिवेंद्र सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद शुरुआत में सेल्फी लेने वाले बहुत कूदे, लेकिन अब गायब हैंं। सेल्फी लेने वालों को स्पष्ट आदेश हैं कि काम के लिए आएं, टाइम पास के लिए नहीं। त्रिवेंद्र रावत के साथ पिछले २२ वर्षों से साथ-साथ चलने वाले एक खास ने राज खोला है कि त्रिवेंद्र सिंह सिर्फ दो लोगों के पैर छूते हैं। पहले अपने कुल पुरोहित के और दूसरे भाजपा के राजनाथ सिंह के, इसके अलावा किसी के नहीं।