हरिद्वार में हरकीपैड़ी स्थित पंतद्वीप पार्किंग में जमकर धांधलीबाजी हो रही है, लेकिन पार्किंग को संचालित करने वाले सिंचाई खण्ड हरिद्वार इसको लेकर बेखबर है।
ताजा मामला तब सामने जब एक बाइक सवार युवक उक्त पार्किंग में अपनी गाड़ी खड़ी करने गया। आरोप है कि पार्किंग ठेकेदार के कर्मियों ने उक्त युवक से १५ रुपए ले लिए। जब उनसे पर्ची मांगी गई तो उन्होंने इसके लिए इंकार कर दिया और कहने लगे कि पर्ची-वर्ची का कोई चक्कर नहीं। पैसे दो और गाड़ी खड़ी करो। जब उस युवक ने सख्ती दिखाई तो पार्किंग कर्मियों ने इसके लिए टैक्स जोड़कर १८ रुपए मांगे। इस पर युवक ने उन्हें २० रुपए दे दिए। तब जाकर युवक को पार्किंग शुल्क की पर्ची मिल पाई।
पार्किंग की इस पर्ची में सिंचाई खण्ड हरिद्वार, उत्तराखण्ड द्वारा संचालित लिखा गया है, लेकिन इस पर्ची में पार्किंग ठेकेदार का नाम/कंपनी या फोन नंबर कहीं भी दर्ज नहीं हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि इस पंतद्वीप पार्किंग से किसी की बाइक या कार चोरी हो जाती है तो फिर पीडि़त इसकी शिकायत किससे करेगा और इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?
इस संबंध में जब सिंचाई खंड के उप राजस्व अधिकारी नाथी सिंह कुंद्रा से सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि कार के लिए ३५ और बाइक के लिए १५ रुपए निर्धारित हैं, जिसमें टैक्स अलग से है। यदि किसी को इस संबंध में शिकायत है तो वह सिंचाई खंड में शिकायत दर्ज करा सकता है। यह पार्किंग अगस्त २०१७ से जुलाई २०१८ तक एक साल के लिए दी गई है।
अधिशासी अभियंता आरके तिवारी से जब पूछा गया कि पार्किंग की पर्ची में कांट्रेक्टर का नाम व नंबर क्यों नहीं है तो उनका कहना था कि इसकी जरूरत ही नहीं है। उक्त पार्किंग बढिय़ा चल रही है और किसी को कोई दिक्कत नहीं है। यही कारण है कि पार्किंग ठेकेदार का पक्ष भी नहीं लिया जा सका।
जब उनसे पूछा गया कि पार्किंग में कितना-कितना शेयर है तो उनका कहना था कि टेंडर के समय ही ठेकेदार से एकमुश्त सिक्योरिटी मनी जमा की गई है। टेंडर पूर्ण होने पर जितना हिसाब बनेगा, वह ठेकेदार जमा करा देगा।
इस सबके बावजूद असली खेल यह है कि हरकीपैड़ी स्थित पंतद्वीप पार्किंग जैसे अति व्यस्ततम जगह पर पिछले चार माह में सिर्फ ५८४ दोपहिया वाहन ही पार्किंग में आए। इसकी पुष्टि उक्त पार्किंग रसीद करती है। सर्वविदित है कि उक्त पार्किंग हमेशा भरी दिखाई देती है, जिसमें रोजाना सैकड़ों वाहन पार्किंग होते हैं।
जाहिर है कि बिना पर्ची का कलेक्शन कई गुना हो रहा है और सिंचाई खण्ड व ठेकेदार की मिलीभगत से सरकारी खजाने को चपत लगाकर यह लोग खूब वारे-न्यारे कर रहे हैं।