उत्तरकाशी जिले के पुरोला तहसील में एक अधिकारी हाल ही में रिटायर हुए हैं, लेकिन उन्हें डर था कि आखिरी वक्त पर कहीं पेंशन न अटक जाए। आखिर बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से खाय। सेवाकाल के दौरान के सारे उल्टे-सीधे काम सेवा पुस्तिका में खराब प्रविष्टियों के रूप में दर्ज हैं। पेंशन अटकने के डर से साहब ने अपनी सीआर नष्ट करके फर्जी तरीके से फर्जी हस्ताक्षर कर नई सीआर बना ली। यूं समझ लीजिए कि साहब ने खुद ही अपनी चरित्र पंजिका में बुढ़ापे के लिए उज्जवल तकदीर लिख दी। रिटायर होने के बाद साहब सुकून से बुढ़ापा काटना चाह रहे थे कि इस बात की भनक लगने पर एक पत्रकार ने सूचना के अधिकार में साहब की सर्विस बुक मांग ली। अब साहब को ठीक से नींद नहीं आ रही है। उन्हें लगता है कि पोल खुल गई तो कहीं बुढ़ापा खराब न हो जाए।