कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने पौड़ी के एस.एस.पी.को अधिवक्ता व उनके परिजनों के साथ मारपीट करने वाले कोतवाल, 2 महिला उप निरीक्षक व अन्य के खिलाफ दो दिन के भीतर मुकदमा दर्ज करने पर विचार को कह दिया है। न्यायालय ने मुकदमे के बाद मामले में स्टेटस रिपोर्ट भी मांग ली है।
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बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता ललित बेलवाल ने बताया कि बीती नौ जुलाई को पौड़ी में उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राकेश कुंवर के घर घुसकर पुलिस वालों ने उनके और उनके माता-पिता के साथ मारपीट की। अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि 9 जुलाई की रात उनके घर में लगभग आठ पुलिस वाले घुसे।
उन्होंने मां और बहन के साथ मारपीट की, साथ ही घर में रखे ₹10,000/= से ₹12,000/=रुपये भी लूट लिए। याचिकर्ता ने ये भी कहा कि इन लोगों ने उनके घर में आग लगाने की कोशिश की और उनकी मां और बहन के कपड़े भी फाड़ दिए।
आरोप लगाया है कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई। इसके बाद पुलिस वाले पूरे परिवार को कोतवाली उठा ले गए। शिकायत की गई है कि घटना का विरोध करने पर कोतवाल ने उनकी 79 वर्षीय मां के पेट में लात घूंसे मारे, जिससे वो बुरी तरह से घायल हो गयी।
याचिका में कहा गया है कि पुलिस वालों ने उनके भाई को भी बहुत बुरी तरह से मारा और पीटा जिन्हें गंभीर अवस्था में अभी दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है। याची ने न्यायालय को बताया कि कोतवाल ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी और कहा है कि अगर वह पौड़ी में दिखा तो वह उसे गोली मार देंगे।
आज न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पौड़ी जनपद के एस.एस.पी.को कोतवाल दो महिला उपनिरीक्षक और मनमोहन रौतेला समेत कुछ अन्य के खिलाफ 48 घंटे के भीतर एफ.आई.आर.दर्ज करने पर विचार करने का आदेश दिया है। एकलपीठ ने कार्यवाही की स्टेटस रिपोर्ट को न्यायालय में पेश करने को भी कह दिया है।