समय के साथ-साथ सचिवालय दो ध्रुवों में बंटने लगा है। एक पावर सेटंर स्वाभाविक तौर पर उत्तराखंड के मुख्य
सचिव एस रामास्वामी हैं तो एक ध्रुव सबसे ताकतवर नौकरशाह के रूप में उभरे मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव
ओमप्रकाश हैं। अब तक स्वास्थ्य कारणों से अपेक्षाकृत रबर स्टांप समझे जा रहे रामास्वामी के आदेश को
नजरअंदाज करते हुए ओम प्रकाश ने नए आदेश जारी किए हैं।
अफसरों की तैनाती में इन दोनों पावर सेंटरों के बीच में संवाद का अभाव गलतफहमियों में तब्दील होने लगा
है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि एक ही पद पर दो दो अफसरों के तैनाती आदेश हो रहे हैं। जिससे
अफसरों को ही यह पता नहीं चल पा रहा है कि वह किसके आदेश को मानकर कार्य करें । ताजा उदाहरण
आजीविका परियोजना का है। आजीविका परियोजना में मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने पीसीएस अफसर राम
विलास यादव को स्थानांतरित किया था। यादव ने वहां पर चार्ज लिया ही था कि कुछ दिन बाद आजीविका
परियोजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के तौर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ओमप्रकाश ने युगल किशोर
पंत को जिम्मा दे दिया। इसमें हैरानी की बात यह है कि अभी तक आजीविका परियोजना से यादव को भी नहीं
हटाया गया है। अब तकनीकी तौर पर समस्या यह आ गई है कि जब मुख्य कार्यकारी अधिकारी के तौर पर
यादव वहां पर पहले से ही तैनात हैं तो युगल किशोर पंत किस तरह से वहां का कार्यभार संभालेंगे ।
किंतु पिछले दिनों युगल किशोर पंत आजीविका परियोजना का जिम्मा ले चुके हैं। युगल किशोर पंत ने
आजीविका परियोजना के मुख्यालय में जाकर वहां के अधिकारी कर्मचारियों से न सिर्फ मुलाकात की बल्कि
उनसे कामकाज की जानकारी लेने के अलावा आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। गौरतलब है कि आजीविका
परियोजना से पूर्व मुख्य कार्याधिकारी विजय कुमार के हटने के बाद से वहां पर कई अधिकारी बदले जा चुके हैं
मात्र एक माह मे ही परियोजना की जिम्मेदारी तीन अधिकारियों को दी जा चुकी है। पहले इस परियोजना में चंद्रेश
यादव की तैनाती की गई थी। उनके बाद इस इस परियोजना की जिम्मेदारी हरिद्वार के लोक सेवा आयोग के
सचिव रामविलास यादव को सौंपी गई ।उनका वहां से ट्रांसफर भी नहीं हुआ था कि अब यह जिम्मेदारी शासन
में ग्रामीण विकास के अपर सचिव युगल किशोर पंत को सौंप दी गई है।
अब आजीविका परियोजना के कर्मचारी अधिकारी इस दुविधा में है कि आखिर वह किसके निर्देश माने इस
विषय में एक तथ्य यह भी है कि मुख्य सचिव ने यादव के लिए जो आदेश किए हैं उसकी कॉपी बाकायदा प्रॉपर
चैनल से कार्मिक विभाग को आदेशों के साथ-साथ सभी संबंधित पटल पर रखी गई है किंतु मुख्यमंत्री के प्रमुख
सचिव ओमप्रकाश ने जो आदेश युगल किशोर पंत के लिए किए हैं उनकी कॉपी न तो मुख्य सचिव को की गई
है और न ही कार्मिक विभाग को। जाहिर है कि इस तरह के दो दो आदेशों के कारण विभिन्न विभागों में
अराजकता की स्थितियां उत्पन्न हो रही है।