पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

एक्सक्लूसिव : सीएम त्रिवेंद्र को भारी पड़ सकता है पत्रकारों का दमन। दिल्ली पहुंची रिपोर्ट 

October 18, 2019
in पर्वतजन
ShareShareShare
Advertisement
ADVERTISEMENT

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पत्रकारों के खिलाफ काफी लंबे समय से भेदभाव बरतने के कारण पत्रकारों का गुस्सा सरकार पर भारी पड़ सकता है। यह बैठक दिल्ली दरबार के संज्ञान मे आ चुकी है।

कल 17 अक्टूबर को सभी पत्रकार संगठनों के शीर्ष पदाधिकारियों ने देहरादून में बैठक करके सरकार और सूचना विभाग की भेदभाव पूर्ण कार्यशैली के ऊपर जमकर भड़ास निकाली और बाकायदा यह रणनीति तय की कि सरकार की खबरें का बहिष्कार किया जाना चाहिए।

कार्यक्रम स्थल पर मौजूद एलआईयू स्पेशल ब्रांच के लोगों के कानों में जब यह भनक गई तो  पूरे सरकारी सिस्टम में हड़कंप सा मच गया। गौरतलब है कि एलआईयू की यह स्पेशल ब्रांच इंटेलिजेंस के द्वारा संचालित होती है।

इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री तथा अपने उच्चाधिकारियों को देने के अलावा अन्य माध्यमों ने केंद्र सरकार को भी भेजी है।

जाहिर है कि उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार दिन प्रतिदिन अलोकप्रिय होती जा रही है और आए दिन सरकार के कारनामे सुर्खियां बनने के कारण मुख्यमंत्री बौखला गए हैं।

उत्तराखंड सरकार में दोनों मीडिया सलाहकार उत्तराखंड के ही मीडिया जगत के लोग हैं और खुद मुख्यमंत्री भी पत्रकारिता का कोर्स कर चुके हैं ऐसे में पत्रकारों के प्रति संवेदनशीलता बरतने के बजाय त्रिवेंद्र सरकार ने एक नया मॉडल अपना लिया है, जिसमें उत्तराखंड के तीन अखबारों को मैनेज करके बाकी सभी छोटे अखबारों को दमनकारी नीतियों के माध्यम से दबाने की रणनीति पर कार्य किया जा रहा है।

जाहिर है कि भारत के इतिहास में सभी अहम खुलासे अधिकतर छोटे मीडिया हाउसों ने ही किए हैं। ऐसे में सरकार छोटे मीडिया हाउसों को समाप्त कर देना चाहती है।

इसी कारण उत्तराखंड के सभी पत्रकारों में खासा गुस्सा सरकार के प्रति पनप रहा है। अहम कारण यह भी है कि एक तो राज्य के तीन अखबारों को सरकार भरपूर विज्ञापन दे रही है ,वहीं इन अखबारों के मालिक पत्रकारों का काफी शोषण कर रहे हैं लेकिन यह पत्रकार यूनियन नहीं बना सकते इसलिए अपनी बात कहीं भी नहीं रख पाते हैं।

इसके उलट ही राज्य के अन्य सभी छोटे पत्र पत्रिकाएं किसी ना किसी संगठन में जुड़े हुए हैं और सरकार की नीतियों की आलोचनाएं भी करते रहते हैं, यही बात सरकार को नागवार गुजरती है।

इसमें ही एक सुझाव यह भी था कि राज्य स्थापना दिवस के दिन पत्रकार कार्यक्रम स्थल पर ही धरना देंगे तो एक पत्रकार का यह भी सुझाव था कि  “एक संयुक्त मीडिया सेंटर बना लिया जाए, जिसमें एक दो या चार लोगों को ज़िम्मेदारी दी जाए कि वह सरकारी योजनाओं मे हो रहे भ्रष्टाचार की बखिया उधेड़ते हुए समाचार लिखे, बीजेपी की अंदरूनी पॉलिटिकल और गुटबाजी का खुलासा  करने वाली खबर लिखें। ये खबर संघर्ष समिति के सभी अखबार, पोर्टल एक साथ रोज़ या एक निश्चित समय अंतराल पर प्रकाशित करें। मीडिया सेंटर इन खबरों को संकलित करके bjp कार्यालय, मंत्रालय, दिल्ली भेजे तो केंद्रीय हाईकमान को भी उत्तराखंड में चल रहे जंगलराज की हकीकत पता चलेगी।

इन पत्रकार महोदय ने यह भी संकल्प जताया कि,-” इस कार्य में जो खर्च हो उसका एक भाग में देने को तैयार हूं।”

प्रदेश से प्रकाशित होने वाले समाचारपत्रों की निरंतर हो रही उपेक्षा के खिलाफ़ विभिन्न पत्रकार संगठनों से जुड़े पत्रकारों तथा सम्पादकों की संयुक्त बैठक में एक स्वर से सरकार की उपेक्षापूर्ण रवैया तथा सूचना विभाग की भेदभावपूर्ण कार्य प्रणाली का विरोध किया गया। बैठक में कहा गया कि सरकार क्षेत्रीय छोटे एवं मंझौले समाचारपत्रों को खत्म करने की नीति के चलते विज्ञापनों से वंचित कर रही है, जबकि बेतहाशा बजट में इन्हीं समाचारपत्रों का उल्लेख कर करोड़ों का बजट निर्धारित किया जाता है। इस बजट पर सूचना विभाग के अधिकारी मौज-मस्ती कर रहे हैं। पत्रकारों ने कहा कि चुनिंदा तीन-चार अखबारों को ही करोड़ों रूपये के विज्ञापन दिए जा रहे है। सरकार की इस भेदभावपूर्ण नीति के चलते छोटे एवं मँझोले समाचारपत्रों को समाप्त करने की साजिश रची जा रही है जिसके ख़िलाफ़ लंबे संघर्ष का बिगुल फूंकने का समय अब आ गया है।

बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार आई.पी.उनियाल ने की तथा संचालन डॉ. वी.डी. शर्मा ने किया। बैठक में सर्वसम्मति आगामी रणनीति तय करने के लिए संयोजक मनमोहन लखेड़ा एवं डॉ. वी.डी. शर्मा को मनोनीत किया गया। इन्हें ज़िम्मेदारी सौंपी गई है कि वे सभी पत्रकार संगठनों की अध्यक्ष व महामंत्री की संयुक्त बैठक आयोजित कर पत्रकारों की समस्याओं से संबंधित एक ज्ञापन तैयार कर मुख्यमंत्री व सूचना विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को सौपेंगे।

बैठक में प्रदेश के करीब चौदह पत्रकार संगठनों के लगभग 60 प्रतिनिधि उपस्थित थे।


Previous Post

हाईकोर्ट ब्रेकिंग : नाबालिग से रेप और हत्या पर दरिंदे को मृत्युदंड की सजा बरकरार

Next Post

बिना प्रशासन की अनुमति के धरना देने पहुंचे, तो अस्पताल ने पुलिस में दी तहरीर

Next Post

बिना प्रशासन की अनुमति के धरना देने पहुंचे, तो अस्पताल ने पुलिस में दी तहरीर

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • ब्रेकिंग: कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले ..
  • बड़ी खबर: डॉ विपुल कंडवाल की मेडिकल काउंसिल सदस्यता रद्द। जून 2024 में प्रैक्टिस पर भी लगी थी रोक।
  • हाइकोर्ट न्यूज: अवैध कॉलोनियों और निर्माणों पर लगेगी लगाम। बिना नक्शा पास भवनों से कटेगा बिजली कनेक्शन
  • बड़ी खबर: उत्तराखंड में बारिश से राहत के आसार, लेकिन अभी भी 124 सड़कें बंद..
  • एक्शन: राज्य कर विभाग ने आयरन ट्रेडिंग फर्म पर की छापेमारी। ₹5 करोड़ की GST चोरी का भंडाफोड़
  • Highcourt
  • इनश्योरेंस
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
July 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
« Jun    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!