सतपाल धानिया/विकासनगर
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस में जहां डॉक्टर पुलिस और सफाईकर्मी रात दिन एक किये हुए हैं और कोरोना की जंग को जीतने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो वही कुछ सरकारी कर्मचारी और अधिकारी मौज मस्ती करने में लगे हुए है। ऐसा ही एक मामला देर रात सामने आया सहसपुर थाना क्षेत्र के शंकरपुर गांव जाने वाले मार्ग पर जहां नशे में धुत एसडीएम के चालक ने सरकारी गाड़ी को पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस की चाहरदीवारी में मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों का कहना है कि चालक नशे में इस कदर धुत था कि उसे कोई होश ही नहीं है। चालक द्बारा गाड़ी को बड़ी तेजी से दीवार में मारा, जिससे आपपास के लोग भी घरों से बाहर निकल आये टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि सरकारी वाहन भी काफी क्षतिग्रस्त हो गया और पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस की दीवार भी टूट गयी। गनीमत यह रही कि चालक द्बारा किसी घर में वाहन नहीं घुसाया नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। ग्रामीणों द्बारा पूछने पर चालक ने अपना नाम नंदलाल बताया है।
अब सवाल यह उठता है कि चकराता एसडीएम क़ा सरकारी वाहन सहसपुर पहुंचा कैसे और जब शराब के ठेके बंद हैं तो एसडीएम के चालक को शराब कैसे उपलब्ध हुई?
ग्रामीणों क़ा कहना है कि उनके द्बारा पुलिस को एसडीएम के वाहन चालक द्बारा शराब के नशे में गाड़ी से दुर्घटना करने की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गयी, जिस पर थाने के पुलिसकर्मियों ने चालक और वाहन को अपने कब्जे में ले लिया गया था, लेकिन पुलिस इस मामले में अनभिज्ञता जाहिर कर रही है।
इस तरह की घटना होने की जानकारी न होने की बात कह रही है। अब ऐसी क्या मजबूरी है, वो तो पुलिस ही जाने, लेकिन तस्वीरें साफ बया कर रही हैं कि एसडीएम के वाहन से दुर्घटना भी हुई है और चहारदीवारी भी तोड़ी गयी है।
अब सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या चालक के ऊपर मोटर वाहन अधिनियम के तहत नशे में वाहन चलाने पर कार्यवाही होती है या नहीं? क्या नियम और कानून आम आदमी के लिए ही है या खास के लिए भी?