दिल्ली में दिए गए डिनर ने उत्तराखंड ने दिखाया असर
भारी बरसात के बीच बिगाड़ा जायका
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नई दिल्ली दौरे के दौरान उत्तराखंड की एक दर्जन शख्सियतों को रात्रिभोज पर आमंत्रित किया। त्रिवेंद्र सिंह रावत चाहते थे कि राष्ट्रीय फलक पर उत्तराखंड की पहचान बने। लोगों के साथ गुफ्तगू कर आगे की राह और आसान की जाए, ताकि डबल इंजन का और बेहतर फायदा राज्य की जनता को मिल सके। इस खास रात्रिभोज कार्यक्रम में सेना प्रमुख विपिन रावत, रॉ चीफ अनिल धस्माना जैसे विशिष्ट लोगों के साथ-साथ हंस फाउंडेशन के भोले महाराज और माता मंगला भी शामिल हुई। दिल्ली में चले इस रात्रिभोज कार्यक्रम के दौरान दोपहर में हरिद्वार में महाराज के आश्रम के बाहर नगर निगम द्वारा कूड़ा फेंकने की घटना और मेयर मनोज गर्ग की पिटाई का संयोग भी साथ-साथ हो गया। …तो टीएसआर के डिनर ने लगाई मिर्ची!
भारतीय जनता पार्टी में मची खींचतान के बीच जब महाराज को ज्ञात हुआ कि दिल्ली में आयोजित खास रात्रिभोज कार्यक्रम में उनके प्रतिद्वंदी छोटे भाई और बहू भोले महाराज और माता मंगला को मुख्यमंत्री द्वारा विशिष्ट लोगों के साथ भोज पर आमंत्रित किया गया तो महाराज का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया।
ज्ञात रहे कि पिछली सरकार की भांति वर्तमान सरकार ने भी हंस फाउंडेशन को इसलिए सर आंखों पर बिठा रखा है, क्योंकि ये फाउंडेशन उत्तराखंड को करोड़ों रुपए की मदद करता है। हंस फाउंडेशन से पहले से ही खार खाए सतपाल महाराज का विशिष्ट रात्रिभोज कार्यक्रम के बाद बिगड़े जायके को दुरुस्त करने के लिए अजय भट्ट से लेकर अमित शाह को आगे आना पड़ा। तब जाकर महाराज का जायका सुधरा। देखना है कि अब उत्तराखंड सरकार महाराज और हंस फाउंडेशन के बीच कैसे तारतम्य बिठाती है!