कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने मुम्बई से 2600 प्रवासियों को वापस लाने के मामले में सरकार से तुरंत कार्ययोजना बनाकर दो दिन में जवाब देने को कहा है ।
रामनगर निवासी याचिकाकर्ता श्वेता मासीवाल की हस्तक्षेप(इंटर वेंशन) याचिका का संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और भारतीय रेलवे से मुम्बई में अब भी फंसे 2600 उत्तराखंड वासियों को वापस लाने के मामले में त्वरित कार्ययोजना बनाकर 17 जून को न्यायालय में जवाब दायर करने के लिए कहा है।
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“प्रवासी सहयोगी टीम” की सदास्य श्वेता मासीवाल ने उच्च न्यायालय में हस्तक्षेप याचिका दायर कर 30 अप्रैल से पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर वापसी का इंतजार कर रहे 2600 प्रवासियों को मुम्बई से उत्तराखण्ड वापस लाने के मामले में राज्य सरकार द्वारा अड़ियल रवैया अपनाने की बात कही थी। प्रवासी सहायता टीम के अधिवक्ता दुष्यन्त मैनाली ने बताया कि टीम के कई बार संपर्क करने के बाद भी राज्य सरकार द्वारा इस मामले में महाराष्ट्र को एन.ओ.सी.नहीं दी गई। जबकि टीम के अनुरोध पर महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों ने 26 मई से उत्तराखंड के नोडल अधिकारियों से कई बार संपर्क किया। अब न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार से कार्ययोजना बनाकर न्यायालय में जवाब देने को कहा है।