राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान ( एनआईटी ) पौड़ी के परिसर निर्माण को लेकर आजकल जमकर राजनीति हो रही है . स्थानीय लोग चाहते हैं कि परिसर का निर्माण पौड़ी के सुमाड़ी क्षेत्र में ही हो , लेकिन केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मन्त्रालय व संस्थान के छात्र परिसर को अन्यत्र ले जाने के पक्षधर हैं . छात्र तोे पिछले 20 अगस्त 2017 से श्रीनगर ( पौड़ी ) में अपनी कुछ मॉगों को लेकर आन्दोलन कर रहे हैं l आन्दोलन कर रहे छात्रों की प्रमुख मॉग संस्थान का स्थाई परिसर बनाए जाने के साथ ही संस्थान को मैदानी क्षेत्र हरिद्वार , ऋषिकेश या देहरादून स्थानान्तरित करने की भी है | जो कई तरह के
सवाल खड़े कर रही है | परिसर निर्माण की तो मॉग सही है , क्योंकि एनआईटी पिछले सात सालों से श्रीनगर के राजकीय पॉलिटैक्निक में अस्थाई रुप से चल रहा है | संस्थान का अपना कोई भवन न होने से छात्रों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है |
एक ओर मानव संसाधन विकास मन्त्रालय के अपर सचिव पौड़ी के सुमाड़ी क्षेत्र की जमीन को एनआईटी के परिसर निर्माण के लिए तकनिकी रुप से अयोग्य बता चुके हैं , वहीं प्रदेश के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने गत 28 अगस्त 2017 को कहा कि एनआईटी दूसरी जगह स्थानान्तरित नहीं होगा . सुमाड़ी में ही परिसर का निर्माण होगा . प्रदेश सरकार की ओर से इस तरह का बयान सम्भवत: जनदबाव के बाद दिया गया लगता है . उल्लेखनीय है कि गत 28 अगस्त को ही एनआईटी परिसर के कथित स्थानान्तरण के विरोध में श्रीनगर ( गढ़वाल ) बाजार अभूतपूर्व रुप से बंद रहा . पूर्व मुख्यमन्त्री व गढ़वाल ( पौड़ी ) के सांसद भुवन चन्द्र खण्डूड़ी भी संस्थान के
स्थानान्तरण की चर्चाओं पर विरोध जता चुके हैं . इस मामले में पहले चुप्पी साधे रही सरकार को इसके बाद अपनी चुप्पी तोड़नी पड़ी है . सरकार ने भले ही इस मामले में चुप्पी तोड़ी हो , लेकिन इसके बाद भी लोगों में अभी तक आशंका बनी हुई है . उसका कारण यह है कि एनआईटी केन्द्र सरकार के मानव संसाधन विकास मन्त्रालय के अधीन है और परिसर निर्माण के लिए भी बजट केन्द्र सरकार ही दे रही है . प्रदेश सरकार ने संस्थान के लिए केवल जमीन ही उपलब्ध कराई है .