ग्रामीणों के 60 लाख डकार गया उपडाकघर का कर्मचारी। ग्रामीणों के उड़े होश
रिपोर्ट- गिरीश चंदोला
थराली। नारायणबगड़ विकासखंड के ग्रामीणों के साथ हुआ कि, ऐसा लोगों का इस विभाग से भरोसा उठ चुका है। जहां ग्रामीण मेहनत मजदूरी कर अपने खून पसीने की कमाई को इस आशा से डाक घर में जमा करते है कि, आने वाले समय में वह अपनी बेटी की शादी करेगे, अपने बच्चों की शिक्षा दीक्षा इस जमा पूंजी से पूरी करेंगे व भविष्य में कठीन समय में यही जमापूंजी उनके काम आयेगी। लेकिन इसे विडम्बना ही कहा जायेगा कि, सुरक्षित व भरोसेमंद माने जाने वाले बचत बैंक पोस्ट आफिस से ही ग्रामीणों की मेहनत से जमा पूजीं पोस्ट आफिस के कर्मचारी की लालच की भेंट चढ जाती है व लोगों को अपनी ही मेहनत से जामा पूजीं को पाने हेतु दर-दर की ठोकरे खानी पडती है।
मामला नारायण बगड विकासखण्ड के सुदूरवर्ती सबसे बडे गांव किमोली के उपडाक घर में सामने आया है, जहां ग्रामीणों की लाखों रुपये की खून पसीने की कमाई यहां पर तैनात पोस्टमास्टर द्वारा हडप ली जाती है, ग्रामीणों के अनुसार विगत 10 वर्षो में उनके द्वारा जमा की गई लगभग 60 लाख से अधिक की धनराशी जो उनके द्वारा पोस्ट आफिस में जमा की गयी थी, जिसमें सेविंग, फिक्स, टीडी, एफडी, एलआईसी व मनरेगा के पैसे सम्मलित है जो इस घोटाले की भेंट चढ़ गए। मामला तब प्रकाश में आया जब माह अगस्त 2020 में किमोली के ही रहने वाले पोस्टमास्टर मुकेश कुमार की अन्यत्र तैनाती हो गयी व वहां पर तैनात पोस्टमैन को पोस्टमास्टर को चार्ज दिया गया।
वर्तमान पोस्टमास्टर मलक सिंह के अनुसार जब उन्हें चार्ज मिला तो लोग अपने पैसे निकालने हेतु उनके पास पहुंचने लगे। लेकिन उनके खातों में कोई पैसा नही होने व पर उनके द्वारा इसकी तुरन्त सूचना डाक निरीक्षक कर्णप्रयाग को दी व इस सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी व पास बुक सहित उपलब्ध करायी गयी। डाक निरीक्षक पूर्वी रोहित कुमार द्वारा गांव में पहुंचकर जांच की गई और जांच में ग्रामीणों के पैसे का बड़ा गड़बड़झाला प्रकाश में आया, ग्रामीणों के अनुसार डाक निरिक्षक द्वारा गांव में तीन बार आकर ग्राहकों को उनकी जमा पूंजी लौटाने का आश्वासन दिया गया, लेकिन छः माह से भी अधिक समय होने पर भी कोई कार्यवाही नही हो पायी है।
एक ग्रामीण के अनुसार उनके द्वारा अपनी बेटी की शादी हेतु 1 लाख तीस हजार रूपये जमा किये गये थे, जब वे पैसे लेने गये तो उनके खाते से 1 लाख 24 हजार रूपाए अलग-अलग तिथि को निकाले गए थे, वही जांच में उनके दस्खत भी फर्जी पाये गये, ग्रामीणों का पोस्टमास्टर पर ये भी आरोप है कि, उसने ग्रामीणों के डाकघर में जमा पैसों को अन्य किसी प्राइवेट चिट फंड कम्पनी में लगाकर 5 साल में दुगनी रकम का भी लालच दिया है। अब घोटाला खुलने पर आरोपी पोस्टमास्टर ने कुछ ग्रामीणों को चेक तो दिए लेकिन पोस्टमास्टर के स्वयं के खाते में भी पैसे न होने और डाक विभाग द्वारा ग्रामीणों की जमा पूंजी अबतक न लौटाए जाने से ग्रामीण खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
वही सहायक अधीक्षक गोपेश्वर बद्रीप्रसाद थपलियाल ने इस घोटाले के सम्बंध में फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि, इस सम्बन्ध में जांच की कार्यवाही चल रही है, सभी ग्रामीणों का पैसा दिया जायेगा। साथ ही उन्होंने बताया कि, उक्त पोस्टमास्टर को निलंबित कर दिया गया है। जल्द ही विभाग के द्वारा एफआईआर भी दर्ज की जायेगी।