पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी ने आज लगातार दो ट्वीट किए और भारतीय जनता पार्टी पर खुद खुद को नजर अंदाज किए जाने का इशारा करते हुए अपरोक्ष रूप से मन की टीस को बाहर निकाला।खंडूरी ने अटल बिहारी बाजपेई जी को याद करते हुए समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का दर्द बयान किया। यह माना जा रहा है कि भुवन चंद्र खंडूरी भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपनी उपेक्षा से नाराज हैं। अथवा वह यह मानने को तैयार नहीं है उत्तराखंड की राजनीति से उनका दौर विदा हो गया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दो दिनी उत्तराखंड के दौरे में पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी को उपेक्षित रखा गया।
यहां तक कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ही उन्हें भुला दिया ।कार्यकर्ताओं के एक समारोह में तो हद ही हो गई।
इस समारोह को अमित शाह ने संबोधित करना था जब भुवन चंद्र खंडूरी इस कार्यक्रम में पहुंचे तो कभी उनके चरण छूने वाले पार्टी के नेताओं ने उनके लिए कुर्सी छोड़ना तो दूर उनकी तरफ देखा तक नहीं।
खंडूरी के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने आखिरकार अपनी सीट छोड़ी।
बात सिर्फ इतनी ही नहीं है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि उत्तराखंड के दौरे में अमित शाह ने यह संकेत दे दिए हैं कि 2019 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में भुवन चंद्र खंडूरी जरूरी नहीं है । लगता है कि पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उनकी जरूरत खत्म हो गई है ।
उनके ट्वीट को उनकी उपेक्षा से उपजे दर्द के रूप में देखा जा रहा है। यह भी माना जा रहा है कि खंडूरी द्वारा लाए गए लोकायुक्त और ट्रांसफर एक्ट को उन्हीं की पार्टी ने किनारे लगा दिया है। इसलिए भी वह व्यथित हैं ।उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि वह पार्टी के लिए और इस राज्य के लिए जितना करना चाहते थे, उतना नहीं कर पाए।उनके द्वारा किए हुए ट्वीट से यह साफ हो रहा है कि वह पार्टी द्वारा सम्मान न मिलने से उदास हैं।