श्रीनगर तथा अल्मोड़ा के मेडिकल कॉलेजों को लेने से भारतीय सेना ने मना कर दिया है ।
गौरतलब है कि पिछले दिनों पूर्व रक्षा मंत्री अरुण जेटली से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने श्रीनगर तथा अल्मोड़ा के मेडिकल कॉलेजों को संचालित करने का अनुरोध किया था।
तब अरुण जेटली ने इन दोनों मेडिकल कॉलेजों को अधिकृत करने के लिए मंजूरी दे दी थी ।
उसके बाद से यह उत्तराखंड में भी काफी सियासी मुद्दा बना हुआ था।
लेकिन रक्षा मंत्री के बदलते ही इंडियन आर्मी ने मेडिकल कॉलेजों को अपने अधीन लेने से साफ इंकार कर दिया।
इंडियन आर्मी के सूत्रों का कहना है कि वह इन मेडिकल कॉलेजों को चलाने के लिए होने वाले आर्थिक बोझ को उठाने की स्थिति में नहीं है। गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार भी इन मेडिकल कॉलेजों को चलाने में आने वाले आर्थिक बोझ से बचना चाह रही थी।
इन दोनों मेडिकल कॉलेजों का खर्च एक करोड़ रुपए से भी अधिक है उत्तराखंड सरकार के लिए भारतीय सेना का यह फैसला एक बड़ा आर्थिक झटका माना जा रहा है।
उत्तराखंड मे कोई भी सरकार मेडिकल कॉलेजों को संचालित करने के प्रति कभी गंभीर नहीं रही है। सरकारी तंत्र का ध्यान इन मेडिकल कॉलेजों में दवाइयों और उपकरणों की खरीद-फरोख्त कैंटीनों के संचालन तथा डॉक्टरों की ट्रांसफर पोस्टिंग तक ही सीमित रहा ।
किसी भी सरकार ने कभी इन मेडिकल कॉलेजों से जनता को होने वाली सुविधाओं की तरफ कभी ध्यान नहीं दिया।
इसके कारण इन दोनों मेडिकल कॉलेजों की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती चली गई और यह कॉलेज सियासत के अड्डे बन गए। सेना द्वारा इन दोनों कॉलेजों से हाथ झटक लिए जाने के कारण उत्तराखंड सरकार के लिए यह एक मायूसी भरी खबर है।