बागेश्वर : राजकुमार सिंह परिहार
कांग्रेस के जिला मीडिया कोऑर्डिनेटर व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने शासन-प्रशासन पर आपदा के में लापरवाही का आरोप लगाया।
उन्होंने नैतिकता के आधार पर विफल सरकार व सरकार के स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इस्तीफ़ा देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि आपदा पिंडारी, जातोली व सुन्दरढूंगा ग्लेशियर में आई है। लेकिन प्रसाशन कपकोट हेलीपैड पर बेस कैंप बनाकर अपनी इतिश्री कर रहे है।
ऐठानी ने स्थानीय पर्यटन आवास गृह में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सुन्दरढूंगा ग्लेशियर में 5 बंगाली पर्यटकों को आपदा के निपटने के बाद भी नही निकाला जा सका है।
उन्होंने कहा कि जब विदेश मंत्रालय से स्थानीय प्रसाशन को फोन आने पर प्रशासन हरकत पर आया।
उन्होंने कहा कि वर्फ़ीले तूफान से बचकर निकले गाइड खिलाफ सिंह की सूचना पर वाछम गांव के आनंद सिंह व ग्राम प्रधान चन्दन सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों का एक दल खाती से 9 किमी दूर जातोली पहुँच चुके थे। लेकिन क्षेत्रीय विधायक द्वारा ग्रामीणों को हेलिकॉप्टर भेजने की बात कहकर वापस बुला लिया गया। लेकिन 3 दिन बाद भी क्षेत्र में हेलीकॉप्टर घटनास्थल पर नही पहुँच पाया।
उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक 3 दिन से खाती में केम्प लगाकर ग्रामीणों को राहत देने का काम कर रहे है। जो आज जातोली पहुँचे है।
उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण द्वारा प्रशासन को पिंडारी क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति की के अनुरूप प्रातः 6 से 11 बजे तक रेस्क्यू कराने की जानकारी देने के बाद भी उनकी बात पर अमल नही किया। जिसकारण रेस्क्यू नही हो पा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन की लापरवाही ही रही कि उनके द्वारा 6 दिन बीतने के बाद भी प्रशासन द्वारा जनप्रतिनिधियों से सामजंस्य नही बनाया जा सका और न ही उनके सुझावों पर अमल किया गया। जिस कारण पीड़ित परिवारों को कोई राहत मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के अधिकारी आपदा के समय भी पिकनिंक मना रही है। कितने लोग कहां फंसे है कितने रेस्क्यू किये गए। कोई रिकार्ड आज तक उपलब्ध नही है। क्षेत्र में लगे सेटेलाइट खराब पड़े है। जबकि प्रशासन को जानकारी होने के बाद आपदा काल में सेटेलाइट फोन ठीक कराने की जहमत नही उठाई। जो एक गम्भीर लापरवाही है।
वहीं उन्होंने जिला प्रशासन पर भी निशाना साधते हुए कहा कि प्रशासन महज़ खानापूर्ति कर आपदा में पिकनिक मनाने का काम कर रहा है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण जिला प्रशासन का बेस कैम्प कपकोट केदारेश्वर मैदान बनाए जाने मात्र से लगाया जा सकता है। सरकार वर्तमान प्रतिनिधी महज़ फोटोग्राफी कर आपदा से इतिश्री करने में लगे हैं। वार्ता के दौरान पूर्व दर्जा मंत्री राजेन्द्र टंगड़िया, युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष कवि जोशी, गोकुल परिहार, आदि मौजूद थे।
♦️ गिरीश की मौत की मजिस्ट्रेटी जांच की मांग —
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने भनार निवासी गिरीश कोरंगा की आपदाकाल में हुई मौत की मजिस्ट्रेटी जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि 18 अक्टूबर को अत्यधिक बारिश के दौरान श्री कोरंगा शामा बाजार से सामान लेकर घर जाते वक्त पहाड़ी से पत्थर गिरने से दर्दनाक मौत हो गयी थी। लेकिन प्रशासन गिरीश की मौत को आपदा से मौत होना नही मान रही है। उन्होंने पूरे मामले की मजिस्ट्रेटी जांच की मांग की है।
♦️ प्रेस वार्ता की खबर से फूले प्रशासन के हाथ-पॉव –
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी की प्रेस वार्ता की खबर मात्र से ही जिला प्रशासन के हाथ-पॉव फुलने लगे। इस बात पर मोहर तब लगी जब वहट्सप्प ग्रुपों में यह खबर चलने लगी तो सूचना अधिकारी के ग्रूप एडमिनो को फ़िन कर इस आरोप पर सत्यता की जानकारी माँगी जाने लगी और साथ ही पत्रकारों से प्रशासन का वर्जन लेने की बात कही जाने लगी। इस बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आपदा के प्रति हमारा जिला प्रशासन कितना सजग है और प्रशासन की पोल खोलती वार्ताओं पर किस तरह की प्रतिक्रिया सामने आने लगी।