देहरादून: यूं तो उत्तराखंड की भाजपा सरकार रोजगार देने की बात करती है। युवा मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में चलने वाले उत्तराखंड को युवा प्रदेश कहा जाता है। इस युवा प्रदेश का युवा एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बावजूद अगर नियुक्त न हो तो सरकार पर सवालिया निशान खड़े करता है।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं यूपीसीएल में जूनियर इंजीनियर के 250 पदों पर परीक्षा देकर पास कर नौकरी से वंचित रहने वाले 150 बेरोजगार युवाओं की।
आपको बता दें कि साल 2017 में 250 पदों के लिए ऊर्जा विभाग में परीक्षाएं आयोजित की गई थी। उस दौरान करीब 8000-9000 उम्मीदवारों में से 100 उम्मीदवारों की नियुक्ति की गई जबकि 150 अभ्यर्थियों को परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद भी नियुक्ति नहीं मिली।
इसी के चलते 4 साल से इंतजार करने वाले इन बेरोजगारों ने मोर्चा खोला और धरने पर बैठ गए। आज इनके धरने का 54वां दिन है।
वहीं इनका समर्थन देने के लिए कांग्रेस नेता और समाजसेवी अभिनव थापर इनके बीच पहुंचे औऱ उन्होंने सरकार से इन्हें नियुक्ति देने की मांग की।
कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने कहा कि “युवा इस तरह संघर्ष करने के बाद पढ़ाई करता है, परीक्षाएं देता, परीक्षा पास करने के बावजूद भी 4 सालों के इंतजार के बाद भी इनका नौकरी से वंचित होना बहुत दुःखद है। आने ही प्रदेश में मैदानी इलाकों के छात्रों को नौकरी नहीं दी जाती है, इससे सरकार के सिस्टम पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि हरीश रावत की सरकार में विज्ञप्ति जारी हुई थी लेकिन आज तक इन्हें भाजपा सरकार नियुक्ति नहीं दे पाई।”
धरना स्थल पर विकास गुलेरिया, बिचिन रावत, अखिलेश बिजल्वाण, दीक्षित, जगूड़ी, अभिषेक चौहान, यशवंत सिंह, नीरज नौटियाल, मुकेश रमोला, जितेंद्र भट्ट, धीरेन्द्र राणा समेत अन्य कई छात्र मौजूद थे।