अनुज नेगी
पौड़ी।
एक और प्रदेश सरकार पहाड़ी क्षेत्र के विद्यलयो में घटती छात्र संख्या को बढ़ाने के लिए करोड़ों रुपये उड़ा रही है,वही दूसरी ओर पहाड़ी क्षेत्रों के विद्यालयों की जर्जर स्थिति से लगता है कि सरकार पहाड़ के भोलीभाली जनता से भद्दा मजाक कर रही है।
प्रदेश में मानसून की पहली बारिश में प्राथमिक शिक्षा बदहाली का शिकार होने लगी है।इसका खामियाजा छात्र छात्राओं को उठाना पड़ रहा है। जरा-सी बारिश से कक्षाओं में पानी टपकने के कारण पढ़ाई बाधित होती है। प्राथमिक स्कूलों के जर्जर भवनों में बच्चे जान जोखिम में ड़ाल कर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं।मगर जिम्मेदार विभाग कुम्भकर्ण की नींद से जागने का नाम ही नही ले रहा है।
यमकेश्वर विधानसभा के द्वारीखाल ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय गूमखाल की छत जर्जर होने के कारण थोड़ी बारिश में ही पानी टपकता है। स्कूल की छत गिरने का डर हर पल मंडराता रहता है। इसलिए बच्चों को जर्जर भवन पर पढ़ना मजबूरी हो गया है।शिक्षक कहते हैं कई बार विभाग को अवगत कराया, मगर विभाग अनजान बना है।