प्रख्यात समाजसेवी एवं पदमश्री अवधेश कौशल (Avdhash Kaushal) का आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था। जहां आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 86 वर्ष के थे।
बताते चलें पद्मश्री अवधेश कौशल रुलक (Avdhash Kaushal) के संस्थापक थे। उन्होंने रूलक संस्था के माध्यम से कई सामाजिक कार्यों में न सिर्फ भाग लिया, बल्कि कई ज्वलंत समस्याओं के निस्तारण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली अतिरिक्त सुविधाओं को लेकर भी उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसका परिणाम यह हुआ कि तमाम फिजूलखर्ची पर लगाम लगी।
इससे पूर्व 80 के दशक में भी अवधेश कौशल (Avdhash Kaushal) की तूती बोलती थी। उन्होंने देहरादून मसूरी के बीच चूना भट्टा खदानों को बंद कराने में भी अहम भूमिका निभाई थी। जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और पर्यावरण सहित शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया। समय समय पर वह कई मंचों पर सम्मानित भी होती रहे।
उनके निधन पर आज देहरादून से प्रदेशभर में शोक की लहर है। राजनेता सहित सभी क्षेत्रों से जुड़े लोग उन्हें अपनी शोक संवेदनाएं प्रेषित कर रहे हैं।