रिपोर्ट – कार्तिक उपाध्याय कुमाऊ
आउटसोर्सिंग कंपनी टीडीएस वर्तमान में राज्य के भीतर विभिन्न विभागों में नौकरी पर लोगों को रख रही है ।
कंपनी के भ्रष्टाचार के कारनामे लगातार खुलकर सामने आ रहे हैं इससे पूर्व भी पर्वतजन ने छापा था कि किस तरह नर्सिंग ऑफिसर की नौकरी के लिए 20000 से ₹30000 आउटसोर्सिंग कंपनी के कर्मचारियों द्वारा लिए जा रहे है।
वही पुनः एक बार पर्वतजन को सूचना मिली है नैनीताल बीडी पांडे नर्सिंग कॉलेज में सुरक्षा गार्ड की नौकरी के लिए 10000 रिश्वत की मांग करी गई ।
पता चला है नौकरी के लिए आवेदन कर रही महिला ने अपने विभाग के ही कर्मचारी के अकाउंट से यह पैसा टीडीएस के कर्मचारी को ट्रांसफर किया।
महिला का आरोप है कि वह गरीब है एवं कुछ समय पूर्व उनके पति की मृत्यु हो गई,उन्हें परिवार चलाने के लिए नौकरी की सख्त आवश्यकता थी ।
यदि वह रिश्वत नहीं देती तो उन्हें नौकरी नहीं मिलती इसलिए लाचार महिला को मजबूर होकर गार्ड की नौकरी के लिए ₹10000 टीडीएस कंपनी को देने पड़े ।
टीडीएस के उच्च अधिकारियों से जब इस बारे में बात करी गई तो उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी और महिला का पैसा वापस दिया जाएगा,साथ ही पूर्व में पर्वतजन द्वारा दी गई जानकारी पर कार्यवाही करते हुए टीडीएस में अपने भ्रष्ट कर्मचारी को निलंबित कर दिया है।
अहम सवाल यह है कि उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है एवं राज्य आंदोलन की मांग में एक प्रमुख मुद्दा यह भी था कि यदि पहाड़ी राज्य अलग बनता है तो हर घर एक सरकारी नौकरी होगी,परंतु राज्य बनने के बाद से लगातार सत्ता में रही सरकारें नौकरी देने में विफल रही है एवं बाहर की आउटसोर्सिंग कंपनियों को इसकी जिम्मेदारी देकर अपने सर से नौकरी देने का बोझ हटाते आई हैं।
आउटसोर्सिंग कंपनियां राज्य के नागरिकों को नौकरी के बदले पैसा लेकर लूट रही है, जिसकी भनक तक राज्य के मंत्री एवं सांसदों नेताओं को शायद नहीं हैं।
हम उम्मीद करते हैं इस खबर के बाद टीडीएस कर्मचारियों के निजी बैंक खातों की जांच करी जाएगी कि अब तक कितना भ्रष्टाचार उक्त आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा किया गया हैं । टीडीएस 1 जुलाई 2022 से राज्य के भीतर काम कर रही है।