देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम के अध्यक्ष डॉ अनिल सहस्त्रबुधे ने जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता व्यक्त की और हरित विकास पर ज़ोर देते हुए पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी पर शोध कार्य बढ़ाने पर ज़ोर दिया।
मांडूवाला स्थित देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग द्वारा इंस्टीट्यूशंस ऑफ़ इंजीनियर इंडिया, डिजास्टर अवेयरनेस एंड मैनेजमेंट फोरम, यूसर्क, यूकॉस्ट, यूजेवीएनएल के सहयोग से ‘हरित और सतत विकास के लिए स्मार्ट इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज़’ पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन किया जा रहा है। शुक्रवार को सम्मलेन के दूसरे दिन नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम के अध्यक्ष डॉ अनिल सहस्त्रबुधे मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। इस दौरान उन्होंने मानवजाति के समक्ष जलवायु परिवर्तन को सबसे बड़ी चुनौती करार देते हुए इस दिशा में कार्य करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ पानी, अपशिष्ट प्रबंशन जैसी कई चुनौतियां वैज्ञानिकों के समक्ष हैं। आवश्यकता स्मार्ट टेक्नोलॉजी के निर्माण की है ताकि जलवायु अनुकूल हरित विकास को ध्यान में रखकर नए युग का निर्माण किया जा सके। उन्होंने हरित प्रौद्योगिकी के उपयोग की अवधारणा को कंप्यूटर विज्ञान, मैकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लागू किये जाने पर ज़ोर दिया। वहीं, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर में डपार्टमेन्ट ऑफ़ मटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग के डॉ एमवी रेड्डी ने पर्यावरण के अनुकूल स्मार्ट मैटेरियल्स पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण में तापमान को सामान्य बनाये रखने वाले मैटेरियल सहित स्मार्ट सिटी के निर्माण में हरित विकास पर ध्यान देने की ज़रुरत है। इंडस्ट्रियल यूनिवर्सिटी ऑफ़ हो ची मिन्ह सिटी, वियतनाम में डाटा साइंस लेबोरेटरी के डॉ बुइ थान्ह हुंग ने मशीन लर्निंग, डेटा माइनिंग, एआई जैसे नयी प्रौद्योगिकी पर अपने विचार रखे। सम्मलेन के दौरान विभिन्न विश्वविद्यालय और संस्थानों के शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र भी प्रस्तुत किये। इस अवसर पर कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रीति कोठियाल ने अतिथियों का स्वागत कर उन्हें सम्मानित किया। कार्यक्रम का आयोजन कुलाधिपति श्री संजय बंसल और उपकुलाधिपति श्री अमन बंसल की देखरेख में किया जा रहा है। इस अवसर पर उपकुलपति डॉ आरके त्रिपाठी, डीन स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग डॉ रितिका मेहरा सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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वन नेशन वन डाटा पर चर्चा जारी – सहस्त्रबुधे
देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन के दौरान नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम के अध्यक्ष डॉ अनिल सहस्त्रबुधे ने शिक्षा क्षेत्र में वन नेशन वन डाटा को लागू किये जाने की संभावना जताई। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में रैंकिंग और मान्यता प्राप्ति हेतु आंकड़ों की वैधता और प्रमाणिकता के मद्देनज़र वन नेशन वन डाटा पर विचार किया जा रहा है ताकि बार बार आवश्यकता पड़ने पर आंकड़ों को भ्रामक रूप में नहीं बल्कि सत्यापित रूप में प्रस्तुत किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने उच्च शिक्षा में विभिन्न विषयों को हिंदी में पढ़ाये जाने को लेकर अनुवादिनी का भी ज़िक्र किया, जिसके माध्यम से छात्र पूर्ण रूप से अंग्रेजी पुस्तकों को हिंदी में पढ़ सकते हैं।