श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय देहरादून के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के हिंदी विभाग द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी पखवाड़ा का प्रारंभ किया गया|
इस आयोजन में विभिन्न संकायों के छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस अवसर पर हिंदी विभाग द्वारा ‘कविता पाठ’ कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया ।
साप्ताहिक हिंदी पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है जिनमे काव्य पाठ, निबंध लेखन, सुलेख लेखन, कहानी लेखन और भाषण प्रतियोगिताओं को शामिल किया गया है| साथ ही अवसर पर छात्रों द्वारा कई मनोरंजक प्रस्तुतियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे|
इस अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने हिंदी पखवाड़ा के आयोजकों को शुभकामनाएं प्रेषित की|
वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर यशवीर दीवान ने छात्रों को इस प्रकार के आयोजनों में बढ़ चढ़कर सहभाग करने को प्रेरित किया|
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ अजय कुमार खंडूरी ने उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा के साथ ही राजकीय भाषा है इसका सम्मान होना आवश्यक है| उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा हिंदी पखवाड़े को पूरे देश में मनाए जाने पर उत्सुकता जाहिर करते हुए कहा कि श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय भी हिंदी के प्रति कर्तव्य निष्ठ है और अपनी भाषा का सम्मान करना अपने छात्रों को सिखाता है|
हिंदी पखवाड़े के प्रथम दिन छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल में परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर संजय शर्मा, डीन स्कूल आफ एजुकेशन प्रोफेसर मालविका कांडपाल रहे उन्होंने छात्रों के मध्य अपनी रचनात्मक प्रस्तुति भी दी|
इस अवसर पर मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की संकाय अध्यक्ष प्रोफ़ेसर गीता रावत ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी हमारा मान है हमारा गौरव है और हिंदी विभाग द्वारा इस प्रकार का आयोजन किया जाना विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है
हिंदी पखवाड़े की मुख्य आयोजक डॉ कल्पना थपलियाल रही|कविता पाठ प्रतियोगिता के दौरान शिक्षकों और छात्रों ने प्रतिभाग किया|
इस अवसर पर डॉ कमला जखमोला, डॉ गरिमा डिमरी, डॉ आशीष कुलश्रेष्ठ, प्रो प्रीति तिवारी, डॉ अनुजा रोहिल्ला, डॉ प्रिया पांडे, डॉ नरेंद्र तोमर डॉ सुनील किश्टवाल डॉ मनवीर सिंह नेगी, डॉ अमरदीप सिंह चौहान, डॉ पारूल अग्रवाल, डॉ साधना, डॉ अमलता के साथ ही विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र मौजूद रहे।