स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चर्चित अंकित भंडारी हत्याकांड के दूसरे मुख्य आरोपी सौरभ भास्कर की जमानत प्रार्थना को खारिज कर दिया है।
आज एकलपीठ में हुई सुनवाई में राज्य सरकार और पीड़िता की ओर से कहा गया कि यह एक संगीन अपराध है। अभी तक निचली अदालत में जितनी भी गवाहियां हुई हैं, उनके बयानों में भी इसकी पुष्टि हुई है कि घटना के समय इन अभियुक्तों की मौजूदगी घटनानस्थल पर ही थी। इन्होंने जबदस्ती उसे वी.आई.पी.सेवा देने के लिए बार बार दवाब डाला। फोरेंसिक जांच में भी इनकी लोकेशन वहाँ पाई गई। यही नहीं मृतिका ने अपने व्हाट्सएप चैट में भी इसका जिक्र किया है। सुनवाई में मृतिका के परिवार की तरफ से कहा गया कि इनके द्वारा सबूतों को छुपाने के लिए रिसॉर्ट में तोड़फोड़ की, रिसॉर्ट के सी.सी.टी.वी.कैमरे बंद करा दिए गए और डी.वी.आर.से छेड़ाखानी की है।
आपकों बता दे कि पौड़ी जिले के डोभ श्रीकोट की अंकिता भंडारी ऋषिकेश के वनंत्रा रिसोर्ट में नौकरी करती थी। उसकी हत्या का आरोप रिसोर्ट स्वामी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित पर ल्त्त्गगत् था। आरोप है कि अंकित की हत्या चीला बैराज में धक्का देकर की गई थी। मामले की छानबीन के बाद तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। तब से अभियुक्त जेल में बंद है।
बाइट – नवनीश नेगी, अधिवक्ता हाईकोर्ट।