प्रदेश में अब गोल्डन कार्ड धारकों को मुफ्त इलाज और दवाइयां देने की तैयार यहां राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण और स्वास्थ्य विभाग गोल्डन कार्ड द्वारा की जा रही है जल्द ही इसका शासनादेश भी लागू कर दिया जाएगा।
आयुष्मान योजना के गोल्डनकार्ड पर प्रदेश के कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों को अब डायग्नोस्टिक और दवाइयों के लिए कैशलेस सुविधा मिलेगी। इस व्यवस्था के शुरू होने से उन्हें बीमारियों की जांच और दवाइयों के लिए नकद भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से अब तक कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों के 4.52 लाख से अधिक गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं।
1 जनवरी 2021 में प्रदेश सरकार ने आयुष्मान योजना के तहत राज्य सरकार स्वास्थ्य स्कीम (सीजीएचएस) में कर्मचारियों और पेंशनरों और उनके आश्रितों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू की थी। इसमें कर्मचारियों व पेंशनरों को कैशलेस इलाज में खर्च की कोई सीमा नहीं है। इलाज पर जितना भी खर्च आएगा। उसका भुगतान सरकार की ओर से किया जाता है। कैशलेस इलाज की सुविधा के लिए कर्मचारियों व पेंशनरों से प्रति माह के हिसाब से अंशदान लिया जाता है।
अभी तक अस्पताल में भर्ती होने पर कैशलेस इलाज की सुविधा थी, जबकि ओपीडी में इलाज कराने पर कर्मचारियों व पेंशनरों को चिकित्सा बिलों की प्रतिपूर्ति की जाती है। अब गोल्डन कार्ड पर डायग्नोस्टिक और सभी दवाइयां भी कैशलेस मिलेंगी। जल्द ही इस सुविधा को लागू किया जाएगा।
अभी तक गोल्डन कार्ड पर यह सुविधा नहीं होने से कर्मचारियों व पेंशनरों को नकद भुगतान करना पड़ता है। बाद में उन्हें दवाइयों व जांच के बिलों की प्रतिपूर्ति की जाती थी।
गोल्डन कार्ड धारक कर्मचारियों व पेंशनरों को कैशलेस पर जांच व दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए मेडिकल स्टोर और पैथोलॉजी लैब को योजना में सूचीबद्ध किया जाएगा। जहां पर कार्मिकों को डॉक्टर का पर्चा और गोल्डन कार्ड दिखा कर दवाइयां व जांच की सुविधा मिलेगी। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से मेडिकल स्टोर व पैथोलॉजी लैब को भुगतान किया जाएगा।