स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- ऊत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में नैनीताल के एक हिस्से में पिछले छह दिनों से पेयजल संकट को देखते हुए अधिवक्ता डी.सी.एस.रावत ने समस्या मेंशन की।
अधिवक्ता रावत ने न्यायालय से रैम्जे अस्पताल में पानी के कारण रुके डायलिसिस का भी जिक्र किया तो न्यायालय ने सरकार से वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा।
न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पेयजल विभाग को तलब किया तो उन्होंने शाम चार बजे तक पेयजल व्यवस्था सुचारू करने की बात कही है।
नैनीताल में बीती 20जून को फ्लैट्स मैदान में एक कार्य के दौरान जे.सी.बी.के पंजे से स्नो व्यू और बिड़ला समेत रतन कॉटेज, मे-विला और जू रोड को सप्लाई होने वाले पेयजल की 12 इंच पाइप लाइन श्रतिग्रस्त हो गई थी। उसे जोड़ने में दो दिन लग गए और जैसे ही उसे जोड़ा जा सका तो वो दूसरी जगह से टूट गई।
चार दिनों तक शहर के एक बड़े हिस्से में पेयजल आपूर्ति ठप होने के बाद रविवार की रात तक पाइप जोड़कर उसे सीमेंट और सी.सी.कर सैट किया गया। सोमवार सवेरे पेयजल व्यवस्था सुचारू नहीं होने के बाद शहर में हड़कंप मच गया।
अधिवक्ता डी.सी.एस.रावत ने उच्च न्यायालय के सामने परेशानी को रखा तो न्यायालय ने सरकार से समस्या का हल करने को कहा।
सरकारी अधिवक्ताओं ने न्यायालय को आश्वस्त किया कि सभी जरूरी रिपैर किये जा चुके हैं और शाम चार बजे पानी की लाइन सुचारू कर ली जाएगी। अधिवक्ता रावत ने न्यायालय के सामने रैमसे अस्पताल में होने वाले डायलिसिस के पानी किल्लत से प्रभावित होने की बात कही तो न्यायालय ने विभाग से अस्पतालों में पानी की अतिशीघ्र व्यवस्था करने को कहा।