आज पर्सनल लोन बहुत ही तेजी से मार्केट में अपने पर पास रहा है।पर्सनल लोन देने के लिए बड़े-बड़े एडवरटाइजमेंट भी किए जाते हैं।
पिछले कुछ सालों में पर्सनल लोन की रकम में हुई कई गुना बढ़ोतरी से आरबीआई परेशान था,उसने बैंकों और एनबीएफसी को पहले भी इन पर लगाम लगाने की चेतावनी दी थी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी, 2022 से 50 हजार से कम रुपये वाले पर्सनल लोन कुल रिटेल लोन का 25 फीसद तक हो चुके थे।
रिटेल लोन में पर्सनल के अलावा शिक्षा, ट्रेवल, कंज्यूमर ड्यूरेबल और कार एवं दोपहिया लोन आते हैं।
आरबीआई ने पर्सनल लोन के लिए नियमों में बदलाव कर दिया। RBI ने बैंकों और एनबीएफसी (NBFC) के लिए पर्सनल लोन देने पर रिस्क वेट 100 फीसद से बढ़ाकर 125 फीसद कर दिया।
इस फैसले के बाद से पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड ईएमआई के भविष्य को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं.
जानकारों का मानना है की बैंक और एनबीएफसी पर आरबीआई की सख्ती से बैंक और एनबीएफसी आपकी खरीदारी को ईएमआई में कनवर्ट करने के ऑप्शन पर लगाम लगाएंगे।एनबीएफसी आसान पर्सनल लोन को ईएमआई पर देने में सबसे आगे हैं।