देहरादून, 21 फरवरी 2025 – सरदार भगवान सिंह विश्वविद्यालय (एसबीएसयू) ने अपने पहले दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन किया, जो संस्थान के शैक्षणिक सफर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। इस समारोह में विश्वविद्यालय की उत्कृष्ट शिक्षा और छात्रों की मेहनत को सम्मानित किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त), पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वीएसएम रहे। उन्होंने अपने संबोधन में शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर देते हुए स्नातकों को ईमानदारी, नवाचार और समाज सेवा के मूल्यों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया।
समारोह में विशेष अतिथि के रूप में उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भाग लिया। उन्होंने युवाओं की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में अनुकूलनशीलता, नैतिक नेतृत्व और कौशल विकास अत्यंत आवश्यक हैं।
944 छात्रों को मिली डिग्री, 77 स्वर्ण और 34 रजत पदकों से नवाजे गए
दीक्षांत समारोह के दौरान विश्वविद्यालय ने 944 छात्रों को डिग्रियाँ प्रदान कीं। बेहतरीन शैक्षणिक प्रदर्शन करने वाले 111 छात्रों को पदक दिए गए, जिनमें 77 स्वर्ण और 34 रजत पदक शामिल रहे। इस दौरान छात्रों, संकाय और परिजनों ने इस उपलब्धि पर गर्व और खुशी का अनुभव किया।
कुलपति और अध्यक्ष ने छात्रों को किया प्रेरित
एसबीएसयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) जे. कुमार ने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. गौरव दीप सिंह ने स्नातकों को बधाई देते हुए कहा,
“यह दीक्षांत समारोह केवल वर्षों की मेहनत का परिणाम नहीं, बल्कि एक नई यात्रा की शुरुआत है। हमारे छात्र ज्ञान, मूल्यों और नवाचार से लैस हैं, जो उनके करियर और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।”
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने बढ़ाया समारोह का गौरव
इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद रहीं, जिनमें गौरव भारती शिक्षा संस्थान के अध्यक्ष श्री एस.पी. सिंह, सरदारनी हरिंदर पाल कौर, कर्नल इंदर सिंह भिंडर (सेवानिवृत्त), लखनऊ विश्वविद्यालय और जीएनडीयू, अमृतसर के पूर्व कुलपति प्रो. अजायब सिंह बराड़ तथा पूर्व विधायक एस.पी.एस. सिबिया शामिल थे।
कार्यक्रम का संचालन एसबीएसयू के रजिस्ट्रार डॉ. दीपक साहनी ने किया, जबकि मंच संचालन डॉ. निधि बेलवाल ने बेहतरीन अंदाज में किया।
राष्ट्रगान के साथ हुआ भव्य समापन
समारोह का समापन धन्यवाद प्रस्ताव और राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिससे उपस्थित लोग प्रेरित और उत्साहित हुए।
एसबीएसयू का पहला दीक्षांत समारोह शैक्षणिक उत्कृष्टता, नेतृत्व और समाज सेवा को समर्पित एक ऐतिहासिक क्षण बना, जो विश्वविद्यालय के गौरवशाली भविष्य का प्रतीक है।