देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने शनिवार को एक शैक्षणिक भ्रमण के तहत रेशम उत्पादन और सामाजिक संवेदनशीलता से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं को समझा। इस दौरान उन्होंने प्रेमनगर स्थित उत्तराखंड कोऑपरेटिव रेशम फेडरेशन लिमिटेड में रेशम कीट पालन और रेशम उत्पादन की प्रक्रिया का अध्ययन किया। इसके साथ ही, प्रीतम रोड स्थित चेशायर होम जाकर दिव्यांग बच्चों की समस्याओं को जाना और उनके पुनर्वास से जुड़ी जानकारी हासिल की।
रेशम उत्पादन का व्यावहारिक ज्ञान
प्रेमनगर स्थित उत्तराखंड कोऑपरेटिव रेशम फेडरेशन लिमिटेड के अधिकारियों और कर्मचारियों ने छात्रों को रेशम के कीड़ों के जीवन चक्र, सिल्क उत्पादन और इसके आर्थिक महत्व के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने छात्रों को यह भी जानकारी दी कि फेडरेशन द्वारा समय-समय पर इंटर्नशिप और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिससे इच्छुक छात्र इस व्यवसाय में अपना भविष्य बना सकते हैं। भ्रमण के दौरान छात्रों ने फेडरेशन द्वारा संचालित रेशमघर “दून सिल्क” शोरूम में विभिन्न रेशम उत्पादों को भी देखा और उनके निर्माण की प्रक्रिया को समझा।
दिव्यांग बच्चों की समस्याओं को समझने की कोशिश
इसके बाद छात्र-छात्राओं ने प्रीतम रोड स्थित चेशायर होम का दौरा किया, जहां उन्होंने दिव्यांग बच्चों की अलग-अलग समस्याओं के बारे में जाना। इस दौरान संस्थान के विशेषज्ञों ने उन्हें दिव्यांग बच्चों के पुनर्वास, उनके लिए उपलब्ध सुविधाओं और वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे में जानकारी दी। छात्रों ने इस अनुभव को बेहद शिक्षाप्रद और संवेदनशीलता बढ़ाने वाला बताया।
शैक्षणिक भ्रमण में शामिल प्रमुख लोग
इस ज्ञानवर्धक भ्रमण में विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. लता सती, डॉ. मोनिका शर्मा, सैन्य एवं स्ट्रैटेजिक विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अमरदीप चौहान, सामाजिक कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मनवीर सिंह नेगी सहित कई छात्र-छात्राएं शामिल रहे।
इस भ्रमण ने छात्रों को न केवल व्यावसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण जानकारी दी, बल्कि उन्हें सामाजिक जिम्मेदारियों और संवेदनशीलता की भी सीख दी।