जगदंबा कोठारी
लॉक डाउन के दौरान जहां प्रवासी उत्तराखंडी देशभर में फंसे पड़े हैं वहीं कुछ ऐसे प्रवासी भी हैं जो उत्तराखंड में फंसे पड़े हैं जिनमें बड़ी संख्या में बिहार के मजदूर शामिल है। इन कामगार मजदूरों को उखीमठ (रुद्रप्रयाग) में काम करना महंगा पड़ा।
दो वक्त की रोटी कमाने के लिए इन बिहारी मजदूरों को मजदूरी करनी पड़ रही है लेकिन इनको राशन उपलब्ध करवाने के बजाय तहसीलदार उखीमठ के द्वारा अपने होमगार्ड, पीआरडी जवानों से इनको पिटवाया गया है।
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मजदूरों का आरोप है कि वह एक under-construction भवन में काम कर रहे थे। इसी दौरान तहसीलदार उखीमठ जयराम बधाणी वहां पहुंचे और अपने अधीनस्थ होमगार्ड, पीआरडी के जवानों द्वारा इन मजदूरों को बेरहमी से पीटा गया। मामला 16 मई का है और स्थानीय लोग जब मजदूरों के समर्थन में आए तो तहसीलदार बधाणी द्वारा पुनः अपने होमगार्ड को भेजकर उन मजदूरों को डरा धमका कर माफीनामा लिखवाया गया।
इस मामले को लेकर जब हमने जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग से संपर्क करने की कोशिश करी तो उनका फोन ही नहीं मिल रहा है।
गुंडा तहसीलदार की चारों तरफ निंदा हो रही है। मामला नवनियुक्त जिला अधिकारी समक्ष पहुंच चुका है।