देहरादून, जुलाई 2025। नीरज उत्तराखंडी
उत्तराखंड में एक बार फिर जिलाधिकारी सविन बंसल ने अपनी संवेदनशीलता और मानवीय पहलू का परिचय देते हुए एक अनाथ और असहाय युवक राजू की मदद कर मिसाल पेश की है। गंभीर रूप से घायल राजू को दर-दर भटकने के बाद जब कहीं से राहत नहीं मिली, तो उसने डीएम कार्यालय की शरण ली। और यहीं से उसकी तकलीफों का अंत हुआ।
गर्म पानी से जला हाथ, पीड़ा में तड़पता पहुंचा डीएम दफ्तर
चमोली जनपद के पांडुकेश्वर में एक होटल में मजदूरी करने वाला राजू, गरम पानी से हाथ जलने के बाद इलाज के लिए कई अस्पतालों और लोगों से मदद मांगता रहा, लेकिन हर जगह उसे निराशा हाथ लगी। न पैसा था, न सहारा, और न ही कोई सुनवाई। जब कोई उम्मीद नहीं बची तो राजू सीधे देहरादून डीएम कार्यालय पहुंच गया।
डीएम ने सुनी पीड़ा, लिया फौरन एक्शन
राजू की दर्द भरी आपबीती सुनते ही जिलाधिकारी सविन बंसल ने बिना समय गंवाए उसके अधजले हाथ के इलाज के लिए स्वयं डॉक्टरों से बात की। दून अस्पताल ने जब हाथ की गंभीरता को देखते हुए हायर सेंटर रेफर किया, तो डीएम ने निजी अस्पताल के स्पेशलिस्ट डॉ. कुश से संपर्क किया और राजू को “सारथी वाहन” से अस्पताल पहुंचाया।
निजी अस्पताल में मिल रहा है मुफ्त इलाज
अब राजू को आईटी पार्क स्थित निजी अस्पताल में विशेषज्ञों की देखरेख में मुफ्त इलाज मिल रहा है। प्रशासन की पहल से उसका इलाज उसी गंभीरता से किया जा रहा है, जैसा किसी सक्षम मरीज का किया जाता।
राजू ने कहा- “डीएम साहब ने मेरा सहारा बनकर जान बचाई”
राजू ने बताया, “मैं अनाथ हूं, कोई अपना नहीं। गर्म पानी से हाथ जल गया। सब जगह मदद मांगी, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। तब डीएम साहब के पास आया। उन्होंने मेरी बात सुनी, हाथ पकड़ा और मेरी जान बचाई।” राजू की आंखों से निकले आंसू आज राहत के थे, दर्द के नहीं।
गरीबों और निर्बलों के लिए हमेशा तत्पर हैं डीएम सविन बंसल
डीएम सविन बंसल लगातार निर्बल, अनाथ, जरूरतमंदों और पीड़ितों की सहायता के लिए व्यक्तिगत पहल करते आ रहे हैं। इससे पहले भी वे कई मामलों में रायफल क्लब फंड, सरकारी योजनाएं, पेंशन, स्वास्थ्य सहायता, और नंदा-सुनंदा योजना जैसी योजनाओं से लोगों की जिंदगी को सहारा दे चुके हैं।