स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने राज्य के अलग अलग जिलों में स्थापित दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों में विशेषज्ञ स्टाफ तैनाती की मांग संबंधी जनहित याचिका में केंद्र और राज्य सरकार से एक हफ्ते के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
मामले के अनुसार, मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों की संस्था “रोशनी” की ओर से जनहित याचिका दायर कि गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि केंद्र सरकार के फंड से जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र खोले गए हैं जिनमें, अलग अलग श्रेणी के दिव्यांगजनों की मदद के लिये विशेषज्ञ स्टॉफ की नियुक्ति और अन्य ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करानी होती हैं। इसका पूरा खर्चा, केंद्र सरकार वहन करती है। लेकिन टिहरी जिले को छोड़ अन्य जिलों में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिस कारण इस अति महत्वपूर्ण सुविधा के लाभ से दिव्यांगजन वंचित हैं।
याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश गुहानाथन नरेंद्र और वरिष्ठ न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार को एक हफ्ते के भीतर इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।