हमारे देश में कई लोग अच्छा काम करने की तलाश में शहरों की तरफ आते है और अपने घर से दूर रहते है। और जिन शहरों में लोग रहते है, वहा उन लोगो को किराए के घर में रहना पड़ता है।
अगर आप किराए पर घर की तलाश कर रहे हैं, तो ये खबर बहुत महत्वपर्ण है।
आपके लिए किराए पर घर लेना एक बड़ा फैसला हो सकता है,इसलिए आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए । ताकि आप अपने नए घर में सुरक्षित रह सकें और कोई भी आपसे चलाकी नहीं कर सके।
सबसे पहले एक रेंट एग्रीमेंट तैयार करना बेहद जरूरी होता है। यह आपके लिए और आपके मकान मालिक के लिए दोनों के सुरक्षित होने की गारंटी देता है। एक अच्छा रेंट एग्रीमेंट आपके द्वारा उल्लेखित होने वाले सभी शर्तों और नियमों को स्पष्ट करता है, जो आपके और आपके मकान मालिक के बीच एक कान्नोनी समझौता बनाता है।
एक किराएदार के रूप में आपको ये अधिकार जरूर पता होने चाहिए, जिनका प्रयोग आप जरूरत पड़ने पर कर सकते हैं। यहां आपको रेंट अग्रीमेंट और इंडियन रेंट रेगुलेशन से जुड़ी कुछ बातों के बारे में आपको बतायेंगे जो जरूरी हैं, तो चलिए आइए जानते हैं।
क्या होते हैं। किराएदार के अधिकार?
अगर आप किराए पर मकान लेते हैं। तो मकान मालिक को ये कुछ सुविधाएं देना जरुरी है। मकान मालिक आपको सुरक्षित रहने के लिए अपने मकान में उचित निर्माण और योग्य जीवन सुविधाओं की व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि आप वहाँ सुरक्षित रह सकें, सभी ज़रूरी सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए । जैसे नियमित रूप से पानी, बिजली, और सिक्योरिटी और एकांत, आपके अलावा किसी और को अपने मकान में बिना आपकी अनुमति के रहने नहीं देना चाहिए, मकान मालिक आपके अनुमति के बिना आपके मकान में न आये और बेवजह परेशान न करे।
इंडियन रेंट रेगुलेशन के नियम किरायदार के लिए क्या है?
भारत में लोग बड़ी संख्या में लोग किराए के घर पर रहते हैं। भारत में रेंटल हाउसिंग इतना पॉपुलर है कि कई राज्य सरकारे आने वाले समय में रेंटल पॉलिसीज लाने की तैयारी कर रहे हैं।
केंद्र सरकार के नियम के मुताबिक मॉडल टेनेंसी एक्ट में किराएदार को रेंट एग्रीमेंट साइन करना बेहद जरूरी है। इसी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने पहले ही मॉडल टेनेंसी एक्ट लागू किया है।
अब इसके जरिए प्रोसेस को किराएदार और मकानमालिक दोनों के लिए फायदेमंद बनाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके आलावा मकान मालिक को किराया बढ़ाने की सुचना पहले देना जरुरी है।
किरायदारों के लिए किरायानामा बनाना ही नहीं रजिस्ट्रेशन भी है जरूरी
किरायेदारों के लिए किरायानामा तैयार करने के साथ-साथ उन्हें रजिस्ट्रेशन करवाना भी बहुत जरूरी होता है। भारत में किरायानामे का रजिस्ट्रेशन अधिनियम के अंतर्गत अनिवार्य होता है। इसके बिना कोई भी किरायानामा वैध नहीं माना जाएगा ।
कई बार देखा गया है कि किराएदार और मकान मालिक दोनों ही कुछ पैसे बचाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराये ही समझौता कर लेते हैं।
और ये भी देखा गया है कि किरायानामा बनवाने के बावजूद फीस से बचने के लिए उसका रजिस्ट्रेशन नहीं कराते है। अगर आप ऐसा कुछ करते है, तो यह आपके लिए ये बहुत खतरनाक हो सकता है और साथ ही जेल भी हो सकती है क्योकि ये हमारे देश में गैर-कानूनी गतिविधि के तौर पर देखा जाता है।