देहरादून, 1 मई 2025 – देहरादून के प्रतिष्ठित समर वैली स्कूल में 11वीं कक्षा के छात्रों को जानबूझकर फेल करने, पेपर लीक और रिश्वत लेने के आरोपों के विरोध में अभिभावकों ने गुरुवार को स्कूल गेट पर उग्र प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों के समर्थन में राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी (आरआरपी) के कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
अभिभावकों का गंभीर आरोप: रिश्वत लेकर पास किए गए छात्र
प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने जानबूझकर 11वीं के 37 छात्रों को फेल कर दिया, जबकि वे छात्र पास कर दिए गए जिन्होंने संबंधित शिक्षकों से ट्यूशन ली या कथित रूप से रिश्वत दी। प्रदर्शनकारियों ने इस संबंध में व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट और परीक्षा से पहले लीक हुए प्रश्नपत्रों की पीडीएफ फाइलें मीडिया को सौंपीं।
प्रमुख आरोप:
1. गणित शिक्षक आशीष कुमार यादव ने 16 फरवरी को एक छात्र से ₹12,000 की रिश्वत ली।
2. रसायन विज्ञान का यूनिट टेस्ट पेपर 23 जनवरी को लीक हुआ, जबकि परीक्षा 27 जनवरी को हुई।
3. भौतिकी का फाइनल पेपर 20 फरवरी को लीक हुआ, जिसकी परीक्षा 27 फरवरी को आयोजित हुई।
4. भौतिकी का यूनिट टेस्ट पेपर भी 28 जनवरी को लीक हुआ, जबकि परीक्षा 1 फरवरी को थी।
राजनीतिक समर्थन और मांगें
आरआरपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर स्कूल प्रशासन और संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, “शिक्षकों ने छात्रों से पैसे लेकर उन्हें पास किया। यह शिक्षा प्रणाली के साथ धोखा है। ऐसे शिक्षकों और प्रिंसिपल पर नकल विरोधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की जानी चाहिए।”
सेमवाल ने यह भी दावा किया कि बाल संरक्षण आयोग ने स्कूल को सभी प्रभावित छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करने का निर्देश दिया था, लेकिन स्कूल ने आदेश की अवहेलना की और छात्रों को कक्षा में बैठने तक की अनुमति नहीं दी।
प्रशासन और आयोग से शिकायतें
अभिभावकों ने मामले की शिकायत मानवाधिकार आयोग, जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से की है। उन्होंने मांग की कि जिन शिक्षकों पर रिश्वत लेने का आरोप है, उनके बैंक खातों की जांच हो ताकि पूरे घोटाले का पर्दाफाश हो सके। सेमवाल ने चेतावनी दी कि यदि स्कूल ने बाल आयोग के निर्देशों का पालन नहीं किया, तो पार्टी और अभिभावक मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे।
स्कूल प्रबंधन की चुप्पी
अब तक समर वैली स्कूल प्रबंधन की ओर से इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। इस बीच, प्रदर्शनकारियों ने स्कूल के गेट पर जमकर नारेबाजी की और धरना जारी रखा।
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह मामला अब देहरादून की शिक्षा व्यवस्था पर एक बड़े सवाल के रूप में उभर रहा है। अभिभावकों और आरआरपी नेताओं का कहना है कि जब तक दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, उनका आंदोलन जारी रहेगा। अब यह देखना होगा कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं।