वीडियो : बेरुखी से तंग आए ग्रामीण खुद बनाने लगे सड़क

बरसों से जनप्रतिनिधियों, तथा प्रशासन की बेरूखी झेलने के बाद ग्रामीण खुद जुटे सड़क निर्माण के लिए

प्रदीप भारतीय

अल्मोड़ा : मामला जिले के विकासखंड सल्ट के सौराल गाँव से सामने आया है जहाँ बरसों से सडक को तरस रहे ग्रामीण प्रशासन के लगातार चक्कर काटने के बाद थक हारकर विकास के बडे बडे दावे ठोकती डबल इंजन सरकार को आईना दिखाने खुद ही जुट गए सडक निर्माण में ,
बातचीत के दौरान सडक निर्माण में जुटे स्थानीय ग्रामीण श्री हीरा सिंह नेगी तथा राम सिंह नेगी ने बताया कि इस इलाके में बगिया, सौराल गाँव, चौरियाल, जेबलखाल आदि कई तोक आते हैं जिनमें रह रहे सैंकड़ों लोग सालों से सडक को तरस रहे हैं तथा बजबूरन छोटी छोटी पगडंडियों के सहारे आवाजाही करने को मजबूर हैं

https://youtu.be/_ne7WS3fyrA

 

हालात यह कि ग्रामीण बुजुर्ग बिमार आदमी और प्रसव महिला को 9 कि.-मी. ऊबड़-खाबड़ रास्ते से पैदल चलकर खटिया पर सड़क तक पहुंचते हैं। उसके बाद सड़क मार्ग से 40 किमी दूर रामनगर बाजार अस्पताल में पहुंचाया जाता है।
आगे उन्होंने बताया कि अपनी मांग लेकर ग्रामीण जनप्रतिनिधियों विधायक सांसद से लेकर जिला अधिकारी उप जिला अधिकारी लगभग हर सरकारी कार्यालयों में जूते घिसा चुके हैं लेकिन हर दर पर निराशा ही हाथ लगी है, यही नही इस बाबत उन्होंने सीएम हेल्पलाइन पर भी गुहार लगाई लेकिन वहाँ भी कोई समाधान ना मिला।
जिसके बाद थक हारकर लाॅकडाउन में घर आये युवाओं की मदद से ग्रामीणों ने खुद ही फावड़ा उठा कर सड़क बनाने का जिम्मा उठाया है।
जिसके बाद काम कठिन होने के कारण एक बार फिर ग्रामीण सरकार को उसका हर गांव सड़क का वायदा याद दिलाते हुए थोडे सहयोग की मांग कर रहे हैं क्योंकि ग्रामीणों का कहना है कि सड़क मार्ग काफी लम्बा है जिसे बनाने में कई तरह की समस्याएं हैं जो सीमित साधनों के साथ पार करना संभव प्रतीत नही हो रहा है।
इसके बावजूद जनप्रतिनिधि, तथा प्रशासन आंख मुंदे बैठा है तथा अनुरोध करने पर भी मदद को आगे नही आ रहा है।

क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि ?
इस बाबत जब हमने स्थानीय विधायक श्री सुरेन्द्र सिंह जीना से बात की तो उन्होंने ग्रामीणों के आरोपों को निराधार बताया।

उनका कहना है कि उस इलाके में 8 से 9 गाँव आते हैं और वो खुद चाहते हैं उन सब को जोड़ती हुई सड़क निकले जिसके लिए उन्होंने विधायक निधि से दो लाख रुपये लेबर तथा अपने निजी जेसीबी खुदाई के लिए भेजे थे लेकिन कई ग्रामीण खेत देने में आनाकानी कर रहे। जिस वजह से आपसी सहयोग ना होने के कारण काम रूका है।

जबकि ग्रामीण जहाँ सड़क की बात कर रहे हैं वो सिर्फ एक गाँव को जाएगी, जहाँ कुछ परिवार ही रहते हैं, तथा आगे जाकर इसमें भी एक कठोर चटटान आती है जिसे जेसीबी से काटना संभव नहीं है,
अगर तमाम लोग सहयोग करते हैं जमीनें देते हैं तो वह जल्द सड़क निर्माण का आश्वासन देते हैं।

- Advertisment -

Related Posts

error: Content is protected !!