पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

उत्तराखंड को बिहार बना रहे एक और सारंगी (पार्ट-1)

September 4, 2017
in पर्वतजन
ShareShareShare

शिव प्रसाद सेमवाल//

वेतन उत्तराखंड से और फायदा पहुंचा रहे बिहार को

पिछले दिनों सोशल एक्टिविस्ट मुजीब नैथानी की फेसबुक वाल पर ‘सचिवालय बिहार’ जैसे शब्द एकाधिक बार देखकर चौंक उठा। मुझे लगा कि सचिवालय बिहार जैसे शब्द का क्या तात्पर्य हो सकता है! सचिवालय में अखिल भारतीय सेवा से चुनकर आए अफसर पूरे देश में कहीं भी तैनात हो सकते हैं तो सोशल मीडिया में सचिवालय बिहार जैसा शब्द क्यों जन्मा! थोड़ा और सोचने पर कुछ बातें विश्लेषण करने लायक लगी। सचिवालय क्या पूरे उत्तराखंड में बिहार के कौन-कौन अफसर किस-किस विभाग में किन-किन पदों पर तैनात हैं! इक्का-दुक्का अपवाद छोड़कर कभी इस ओर ध्यान भी नहीं गया, किंतु मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ओमप्रकाश पर सुई इसलिए अटक गई, क्योंकि पता चला कि यह अधिकारी अपने बिहार मूल का होने की पहचान को अपने फायदे के लिए भुना रहे हैं। वह न सिर्फ बिहार मूल के अफसरों को अपने इर्द-गिर्द अपने अधीन तैनात कर रहे हैं, बल्कि उनके अंदर भी उत्तराखंड में रहते हुए बिहार के लिए काम करने की भावना का संचार कर रहे हैं। आपत्ति इसी बात पर है कि यदि उत्तराखंड में तैनात हैं, उत्तराखंड से वेतन ले रहे हैं तो उत्तराखंड के हितों को दबाए जाने पर आम जनमानस में विरोध के स्वर तो उठेंगे ही।
ओमप्रकाश उत्तराखंड के अफसर होते हुए बिहार-झारखंड की बीज निर्यातक कंपनियों के लिए क्यों दबाव बनाते हैं! उत्तराखंड के अफसरों को वह क्यों अनावश्यक हतोत्साहित करते हैं। बिहार मूल के अफसरों और मीडिया से लेकर निजी सेक्टर की संस्थाओं को आगे बढ़ाने के लिए वह उत्तराखंड के हितों के साथ क्यों समझौता करते हैं। यदि इन उदाहरणों का विश्लेषण किया जाए तो ऐसा प्रतीत होता है कि वह वेतन तो उत्तराखंड से ले रहे हैं, लेकिन काम बिहारी मूल को भुनाकर अपने हितों के लिए कर रहे हैं।
पिछले कुछ समय में कुछ ऐसी सूचनाएं शासनादेश जारी होने से पहले एक खास मीडिया में जारी होने का क्या कारण है! वो भी ऐसी सूचनाएं, जो सिर्फ मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ओमप्रकाश तथा मुख्यमंत्री के कार्यालय तक ही सीमित थी। मुख्यमंत्री के अपर सचिव ललित मोहन रयाल और मेहरबान सिंह बिष्ट की तैनाती और उस पर सवाल कुछ विशेष मीडियाकर्मी द्वारा ही क्यों उठाए गए? सरकार बनने के बाद डेढ़-दो माह के अंदर कुछ ओएसडी और मीडिया कोऑर्डिनेटर के लिए आदेश होने से पहले ही यह बात मीडिया में किन स्रोतों से लीक हुई। एनएच-७४ घोटाले के मामले में नितिन गडकरी की चिट्ठी कहां से लीक हुई। कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के भाई की पुनर्नियुक्ति की खबर कहां से लीक हुई और किस मीडियाकर्मी को दी गई, जबकि यह फाइल ओमप्रकाश के कार्यालय में ही तैयार हो रही थी। यह तथ्य इस चर्चा के विश्लेषण की जरूरत बताते हैं कि ओमप्रकाश अपने इर्द-गिर्द बिहार की लॉबी के पत्रकारों को भी धु्रवीकृत कर रहे हैं। दिल्ली में तैनात राज्य संपत्ति अधिकारी रंजन मिश्रा द्वारा कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत को प्रोटोकॉल न मिलने पर उनकी रुखसती के फरमान की फाइल किन उद्देश्यों से दो घंटे में तैयार हो गई। आयुर्वेद विश्वविद्यालय में उपनल के माध्यम से तैनात उत्तराखंड के संविदा कर्मी को ओमप्रकाश के घर में झाडू़-पोछा करने के लिए मृत्युंजय मिश्रा ने क्यों तैनात किया और संविदाकर्मी के द्वारा इसका विरोध करने पर उसे फिर दोबारा कहीं तैनाती क्यों नहीं मिली? ये सब सवाल कुछ ऐसे गंभीर विषय उठाते हैं कि जिनसे ऐसा लगता है कि ओमप्रकाश उत्तराखंड को बिहार के अफसरों के लिए चरागाह बनाना चाहते हैं और उत्तराखंड के हितों को कुचल देना चाहते हैं।
पूर्व में किशन नाथ जैसे कुछ अपर सचिवों को १० हजार का ग्रेड पे दिया गया था। इन्हीं की तर्ज पर अर्जुन सिंह और टीकम सिंह पंवार जैसे ८९०० गे्रड पे वाले अफसरों को भी ६ माह पहले ही १० हजार रुपए का ग्रेड पे मिल जाना चाहिए था, किंतु ये फाइल क्यों बार-बार लौटा दी जाती है!
ओमप्रकाश अपने स्वार्थ के लिए बिहार मूल के अफसरों को कितना धु्रवीकृत कर पाए हैं और उत्तराखंड में नौकरी कर रहे बिहार मूल के कितने अधिकारी ओमप्रकाश की तरह सिर्फ अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए उत्तराखंड के हितों को दरकिनार कर रहे हैं, इनके विश्लेषण के लिए न सिर्फ एक दूसरी आवरण कथा की दरकार है, बल्कि इस तरह का विश्लेषण पर्याप्त समय और तहकीकात की भी मांग करता है। इसलिए यदि आवश्यक हुआ तो इस विषय को फिर कभी किसी अन्य आवरण कथा के द्वारा समझने की कोशिश की जाएगी।
फिलहाल एकाधिक विभागों की मुझे व्यक्तिगत जानकारी है, जहां बिहार के कुछ अधिकारी-कर्मचारियों को ऊपर से नीचे तक चेन बनाई गई है और उन्हें ही अधिकांश अधिकार सौंपे गए हैं, किंतु फिलहाल इसकी चर्चा इसलिए नहीं कि क्षेत्र के आधार पर एक राष्ट्र के अंदर इस तरह की चर्चाएं उचित नहीं होती। दूसरा तथ्य यह भी है कि यदि ओमप्रकाश जैसे लोग इस मानसिकता के साथ सर्वोच्च पदों पर हैं तो हमें यह भी देखना होगा कि उन्हें पावर सेंटर बनाने वाले त्रिवेंद्र रावत तो उत्तराखंड के ही हैं। फिर उन्हें इतनी स्वच्छंदता दी ही क्यों गई? गलती ओमप्रकाश की ज्यादा है या मुख्यमंत्री की। इन पारस्परिक संबंधों के ठीक से विश्लेषण के आलोक के अभाव में कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
फिलहाल यह जानने की कोशिश करते हैं कि ओम ‘प्रकाश’ तले कितना अंधेरा है!


Previous Post

निशाने पर इंजीनियर की नजर! शूटिंग को बनाया जुनून

Next Post

श्री नागराजा मंदिर व पुजारी हैं “अमोला वंशज” डिबनू

Next Post

श्री नागराजा मंदिर व पुजारी हैं “अमोला वंशज” डिबनू

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • अपराध : घर में अकेला देख, तमंचे के बल पर किया दुष्कर्म।
  • हाइकोर्ट न्यूज: हेलीकॉप्टर लीज घोटाले में 9.5 लाख रुपये लौटाने का आदेश..
  • ब्रेकिंग : एसएसपी ने किए पुलिस महकमे में बंपर तबादले।कई थानाध्यक्ष और चौकी प्रभारी बदले
  • कर्णप्रयाग में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने लगाया विशाल स्वास्थ्य शिविर, 1585 मरीजों ने उठाया लाभ
  • बड़ी खबर: : मौखिक परीक्षा के दौरान प्रोफेसर ने की कई छात्राओं से छेड़छाड़।कॉलेज में हंगामा, प्रोफेसर गिरफ्तार 
  • Highcourt
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
« Apr    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!